-रोडवेज बस अड्डे पर मौजूद टीम जांच के नाम पर पूरा करती रही कोरम

-ऐसे में बगैर जांच के एक भी मरीज निकल गया तो हालात हो सकते हैं बदतर

mukesh.chaturvedi@inext.co.in

PRAYAGRAJ: लाइलाज कोरोना वायरस से उत्पन्न संकट के बीच लॉक डाउन में परेशान लोगों को यूपी सरकार ने थोड़ी राहत क्या दी, प्रयागराज रोडवेज बस अड्डे पर खतरे की आशंका को आमंत्रण दिया जाने लगा। रविवार को रोडवेज बस से तमाम लोग बस स्टैंड पहुंचे। यहां लगाई गई कोराना वायरस की जांच टीम लापरवाही बरतती नजर आई। दस की जांच तो बीस बगैर जांच के ही बस में सवार हो गए। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि टीम में शामिल कुछ जिम्मेदार गंभीर नहीं रहे। हालात यात्रियों में कोरोना चेकिंग के नाम पर चीटिंग जैसे रहे। जांच के नाम पर खाना पूर्ति की यह स्थिति दोपहर बाद देखने को मिली।

नजर आई आई गंभीरता

-लॉक डाउन की घोषणा के बाद तमाम लोग सैकड़ों किलोमीटर दूर दिल्ली, कानपुर, नोएडा, लखनऊ सहित तमाम प्रदेशों व जिलों से पैदल ही घर चल पड़े। दुकानों के बंद होने से इन्हें न तो खाने का कहीं रास्ते में सामान मिल रहा था और न ही पानी। ऐसे यात्रियों की परेशानी को देखते हुए यूपी सरकार ने बस चलवा कर राहत दी। लेकिन लोकल स्तर पर गंभीरता नजर नहीं आई।

लापरवाही बन सकती है खतरा

सिटी के रोडवेज बस अड्डे पर रविवार को दिल्ली, नोएडा, कानपुर, वाराणसी सहित अन्य जनपदों से बस द्वारा यात्री लाए गए। यहां से उन्हें अन्य जनपदों के लिए बस के जरिए रवाना किया गया। बतादें कि बस अड्डे पर लगाई गई टीम सुबह के वक्त पहुंचे यात्रियों में कोरोना की जांच की। दिल ढलने के साथ टीम के जिम्मेदारों का जोश कम होता गया। दोपहर बाद कंडीशन यह रही कि बाहर से लाए गए यात्रियों में से कुछ की चेकिंग किए तो तमाम यात्री बगैर चेकिंग के ही बसों में सवार हो गए। बसें इन यात्रियों को लेकर अन्य जनपदों के लिए रवाना भी हो गई। यह स्थितियां इस महामारी को लेकर सरकारी मशीनरी की गंभीरता और उत्पन्न होने वाले खतरे को लेकर सवाल उठने लगे।

डरावने हैं हालात पर उठ रहे सवाल

सवाल यह उठ रहा कि आखिर जब यात्रियों के नाम व पता रजिस्टर पर लिखे जा रहे थे तो सभी की जांच क्यों नहीं

जांच की जिम्मेदारी उठाने वाले टीम के सदस्य ज्यादातर मोबाइल पर व्यस्त रहे

वह वह बीच-बीच कुछ की जांच किए तो कई बगैर जांच के ही बस में सवार हो गए होकर चले गए

अब सवाल यह उठ रहा है कि यदि जो यात्री बगैर जांच के निकल गए उनमें कोई कोरोना पाजिटिव हुआ तो क्या होगा?

यदि ऐसा हुआ तो यह कहना गलत न होगा कि सरकार की यह सुविधा और जांच की टीम की लापरवाही बड़ी समस्या बन जाएगी