नगर निगम व गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई से छीना सड़कों की मरम्मत व निर्माण का अधिकार

बगैर परमिशन काम कराने पर एफआईआर दर्ज कराने की चेतावनी

दधिकांदो के दौरान नहीं हो पा रहा सड़कों की मरम्मत का काम

ALLAHABAD: कुछ दिन पहले तक आरटीओ का पॉवर सीज कर परमिट बनने से रोक देने वाले कमिश्नर अब शहर की सड़कों की मरम्मत नहीं होने का कारण बन गए हैं। इस बार उन्होंने नगर निगम और गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई से जर्जर सड़कों की मरम्मत और निर्माण का अधिकार छीन कर अपने पास सुरक्षित कर लिया है। अब सड़कों की मरम्मत या निर्माण तब तक नहीं हो सकता जब तक कमिश्नर परमिशन न दें।

नगर निगम तो बस मुखौटा

गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई ने सीवर लाइन बिछाने के लिए शहर की सड़कें खोद दीं और मरम्मत नहीं कराया। अब जब कई इलाकों में दधिकांदो शुरू होना है तो पब्लिक मरम्मत की मांग कर रही है। कहीं आंदोलन की चेतावनी दी जा रही है तो कहीं आंदोलन शुरू है। इसके बावजूद नगर निगम व गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई मरम्मत नहीं करा पा रहे हैं। उनका कहना है कि काम कराया तो कमिश्नर एफआईआर दर्ज करा देंगे।

बरसात से पहले लगी रोक

गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई की ओर से सीवर लाइन बिछाने के लिए खोदी गई सड़कों की वजह से लोगों को दिक्कत न हो, इसे ध्यान में रखते हुए कमिश्नर राजन शुक्ल ने बरसात से पहले सीवर लाइन बिछाने के काम पर रोक लगा दी। बगैर आदेश के काम कराने पर एफआईआर दर्ज कराने की चेतावनी दी थी। बरसात खत्म होने के बाद भी आदेश लागू है।

दधिकांदो के लिए भी छूट नहीं

बरसात में काम पर रोक का आदेश समझ में आता है, लेकिन दधिकांदो मेला शुरू होने के बाद भी आदेश जारी रखने से शोभा यात्रा निकालने में परेशानी हो रही है।

इन इलाकों में जर्जर हैं सड़कें

कीडगंज- शंकर लाल भार्गव रोड, त्रिवेणी रोड, खलासी लाइन की गलियां व पुरानी जीटी रोड, पायल टाकीज के पास की सड़क व गलियों की मरम्मत का काम नहीं हुआ।

राजापुर- मेन रोड के साथ ही म्योर रोड और आस-पास की गलियों के साथ पटरियों का निर्माण कार्य अधूरा है।

तेलियरगंज- 10 सितंबर को है तेलियरगंज का दधिकांदो, लेकन अभी तक तेलियरगंज व रसूलाबाद की गढ्डा युक्त सड़कों की नहीं हो पाई है मरम्मत।

जीएम ने खड़े किए हाथ

मेयर अभिलाषा गुप्ता ने बताया कि कीडगंज पुराना शहर है। 15-16 सितंबर को कीडगंज का दधिकांदो होना है। सड़कों की हालत खराब है। गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई के जीएम अजय रस्तोगी से बात की तो उन्होंने कहा परमिशन नहीं है। जब तक परमिशन नहीं मिलती हम कुछ नहीं कर सकते। मेयर ने बताया कि एडीएम सिटी से कहा गया है कि वे जा कर जांच करें। उनकी रिपोर्ट के बाद काम होगा। एडीएम सिटी से बात करने पर उन्होंने कहा कि जहां जरूरी काम हो बता दें, हम परमिशन दे देंगे। उनसे कहा गया कि आधी रोड छोड़ कर जो सड़क काटी गई है उसे पूरा करा दिया जाए, ताकि दधिकांदो निकलने का रास्ता हो जाए। एडीएम सिटी ने कहा कि वीआईपी बाबू रमेश मिश्रा को कहा जाएगा, वे देख लेंगे, तो काम कराया जाएगा।

केवल 70 किमी सीवर लाइन

डिस्ट्रिक ए के तहत शहर में 215 किलोमीटर की सीवर लाईन बिछाई जानी है। इसे 36 महीने में कम्प्लीट करने का टार्गेट है। काम शुरू होने के बाद 14 महीने हो गए हैं। अब तक 70 किलोमीटर ही सीवर लाइन बिछाई जा सकी है। करीब पांच किलोमीटर सीवर लाइन पर मंथ बिछाई गई। 14 महीने बाद अब 22 महीने बचे हैं। 145 किलोमीटर सीवर लाइन बिछाई जानी है। प्रति माह करीब दस किलोमीटर सीवर लाइन बिछाई जाए तब कहीं जाकर टार्गेट पूरा हो पाएगा।

तो करा दूंगा एफआईआर

एक जिम्मेदार अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि बड़े साहब की ओर से लगातार धमकी दी जा रही है। कहा जा रहा है कि यदि बगैर परमिशन के काम कराया तो एफआईआर करा दिया जाएगा। उनके डर से काम शुरू नहीं हो पा रहा। कौन कार्रवाई झेले। जब साहब कहेंगे, तभी काम कराएंगे।

कमिश्नर द्वारा सड़क निर्माण पर रोक लगने और परमिशन न मिलने की वजह से दधिकांदो से पहले सड़कों की मरम्मत का कार्य नहीं हो पा रहा है। गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई के अधिकारी कार्रवाई के डर से काम करने को तैयार नहीं हैं। उन्हीं को सीवर के लिए खोदी सड़कों की मरम्मत करानी है। ऐसे में कार्य प्रभावित हो रहा है। नगर निगम को अपने सीमा क्षेत्र में कार्य कराने का अधिकार मिलना चाहिए।

अभिलाषा गुप्ता

मेयर, नगर निगम

इलाहाबाद

हमें काम कराने की परमिशन मिल जाए तो तत्काल काम शुरू कर दें। एक महीने के अंदर आधे-अधूरे कार्यो को पूरा कर लिया जाएगा। जहां सड़क खोदी गई है, वहां बीएम का कार्य पूरा कर लिया जाएगा और तीन माह के अंदर जेवीसी कर रोडों को चमका दिया जाएगा।

अजेय रस्तोगी

महाप्रबंधक

गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई

नहीं उठा मोबाइल

इस संबंध में बात करने के लिए कमिश्नर राजन शुक्ला के मोबाइल पर कई बार कॉल की गई, लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं की। इस कारण उनसे बात नहीं हो सकी।