23 नए मरीज आए डेंगू के

535 हो चुकी है कुल मरीजों की संख्या

-लक्षणों में हुआ बदलाव, नवंबर में भी सामने आ रहे मरीज,

-तेज बुखार नहीं आने पर भी हो रही डेंगू की पुष्टि

PRAYAGRAJ: आमतौर पर डेंगू मच्छरों का असर अक्टूबर में खत्म हो जाता है। लेकिन इस बार नवंबर में भी डेंगू के केसेज सामने आ रहे हैं। नवंबर में डेंगू के मरीज मिलने का कारण दिन और रात के तापमान में दोगुने से अधिक का अंतर होना है। लेकिन चिंता की बात डेंगू का नया रूप भी है। इसमें मरीज को एक से दो दिन बुखार आता है और फिर गायब हो जाता है। तेज बुखार नहीं आने से मरीज कन्फ्यूज हो रहे हैं। जबकि बदन टूटने, पेट में दर्द, सुस्त रहने और उल्टी के साथ कमजोरी की शिकायत पर जांच कराने पर बीमारी की पुष्टि हो रही है।

23 नए मरीजों ने दी दस्तक

पिछले साल तक नवंबर में डेंगू के मरीजों की संख्या कम हो जाती थी। लेकिन इस साल ऐसा नहीं है। नवंबर शुरू होने के बावजूद बल्क में मरीज सामने आ रहे हैं। सोमवार को माइक्रोबायोलॉजी लैब से आई रिपोर्ट में डेंगू के 23 नए मरीजों की पुष्टि हुई है। इस तरह से कुल संख्या 536 हो चुकी है। एक्सप‌र्ट्स के मुताबिक मरीजों की संख्या में अभी इजाफा होने का चांस है। पूरी तरह से ठंड नहीं आने से डेंगू के वायरस को माकूल मौसम मिल रहा है। इसके साथ मच्छर भी पनप रहे हैं।

डेंगू के सामान्य लक्षण

-सबसे प्रमुख लक्षण तेज बुखार है। डेंगू में 102-103 डिग्री तक बुखार आना आम बात है।

-डेंगू में ज्यादातर जोड़ों, मांसपेशियों और हड्डियों में दर्द होता है।

-डेंगू में छोटे लाल चकत्ते या रैशेस हो जाते है। इन रैशेस में कभी कभी खुजली भी होती है।

-ज्यादातर डेंगू से पीडि़त लोग आंख के पीछे दर्द की शिकायत करते हैं।

ऐसे बदल गए हैं लक्षण

-नवंबर माह में डेंगू के नए ढंग के लक्षण देखने को मिल रहे है। इससे लोग धोखा खा जा रहे हैं।

-कई मरीजों को बुखार नहीं आ रहा है। आ भी रहा है तो एक-दो दिन के बाद उतर जाता है।

-आमतौर पर केवल उल्टी और हल्की कमजोरी की शिकायत है।

-इसके साथ ही प्लेटलेट्स काउंट कम होने की बात भी नोटिस की जा रही है।

लोगों की शिकायत है कि बुखार तेज नहीं आया, लेकिन डेंगू की पुष्टि हो रही है। मेरे सामने भी ऐसे कुछ मरीज आ चुके हैं। यह वाकई कन्फ्यूजन भरा है। इसलिए लोगों को बाकी लक्षणों के दिखते ही जांच करा लेनी चाहिए।

-डॉ। डीके मिश्रा, फिजीशियन

हर साल डेंगू के वायरस के लक्षण में बदलाव होता है। इससे अक्सर भ्रम की स्थिति पैदा होती है। इसलिए लोगों को भी अवेयर होना चाहिए। अधिक समय तक लक्षण रहें तो जांच करा लेनी चाहिए।

-डॉ। केपी द्विवेदी, डीएमओ प्रयागराज