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-मुगलकालीन स्थापत्य कला शैली की तर्ज पर विकसित किया जाएगा त्रिवेणी पुष्प
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ALLAHABAD: संगम की रेती पर लगने वाले कुंभ मेला के लिए पूरे शहर को चमकाया जा रहा है। विभागों की ओर से सड़क से लेकर लाइटिंग की व्यवस्था की जा रही है। वहीं ऐतिहासिक इमारतों को भी बेहतरीन तरीके से सजाया जा रहा है। इलाहाबाद विकास प्राधिकरण ने अरैल क्षेत्र में स्थित त्रिवेणी पुष्प को भव्यता प्रदान करने की योजना बनाई है। त्रिवेणी पुष्प को मुगलकालीन स्थापत्य कला शैली की तर्ज पर लाल पत्थरों से संवारे जाने की तैयारी है।
18 साल बाद जीर्णोद्धार
अरैल में गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती की स्मृति में तीन मंजिला पिलर के आकार के त्रिवेणी पुष्प का शिलान्यास 18 साल पहले पं। केशरी नाथ त्रिपाठी ने किया था। इसे एक वर्ष में दस एकड़ जमीन पर विकसित किया गया था। इसके परिसर में अयोध्या भवन, बुद्ध विहार व केदारनाथ मंदिर है। परिसर में साफ-सफाई ना होने की वजह से वहां गंदगी का अंबार लगा रहता है। यहां प्राधिकरण की ओर से सौंदर्यीकरण कराया जाएगा।
तीन करोड़ से परिसर का विकास
-प्राधिकरण ने तीन करोड़ रुपए से त्रिवेणी पुष्प के परिसर को विकसित करने की योजना बनाई है।
-इस धनराशि से परिसर के भीतर एक रैन बसेरा बनाया जाएगा।
-परिसर के चारों ओर बाउंड्री कराकर वहां पर पौधरोपण कराया जाएगा।
-इसके अलावा पर्यटकों के बैठने के लिए कुर्सी, बेंच व लाइटिंग की व्यवस्था कराई जाएगी।
दो करोड़ से बदलेगा पिलर का नजारा
-गंगा, यमुना व अदृश्य सरस्वती की स्मृति में तीन मंजिला पिलर के आकार का भवन बनाया गया है।
-इस पिलर पर मुगलकालीन स्थापत्य शैली की तर्ज पर लाल पत्थर लगाए जाएंगे।
-इसको कहां से मंगाया जाएगा इसे लेकर प्रयागराज मेला प्राधिकरण के साथ अगले सप्ताह होने वाली बैठक में निर्णय लिया जाएगा।
पांच करोड़ की लागत से होगा कार्य
कुंभ मेला के मद्देनजर प्राधिकरण की ओर से त्रिवेणी पुष्प के सौंदर्यीकरण कराए जाने की योजना जून महीने के अंतिम सप्ताह में बनाई गई थी। इसके लिए शासन से पांच करोड़ रुपए का बजट भी रिलीज कर दिया गया है।
मुगलकालीन शैली की तर्ज पर लाल पत्थरों से तीन मंजिला पिलर को संवारने की योजना बनाई गई है। इसके अलावा त्रिवेणी पुष्प के परिसर में लाइटिंग व रैन बसेरा के साथ सौंदर्यीकरण का कार्य कराया जाएगा।
-भानु चंद्र गोस्वामी, उपाध्यक्ष इलाहाबाद विकास प्राधिकरण