283 करोड़ बजट से तैयार होगा म्यूजियम

26 हेक्टेयर भूमि में किया जाएगा निर्माण

03 फ्लोर में होगी पूरी साज-सज्जा

-कुंभ पर डिजिटल म्यूजियम के लिए चिन्हित हुई जमीन

-बनाया जाएगा, तीन किमी लंबा रोप-वे, जॉय राइड भी होगी

PRAYAGRAJ। कुंभ पर केंद्रित पहले डिजिटल म्यूजियम को लेकर तैयारियों ने आकार लेना शुरू कर दिया है। इस म्यूजियम के लिए 26 हेक्टेयर भूमि चिन्हित की गई है। पर्यटन विभाग ने भूमि हस्तांतरण के लिए शासन को पत्र भेजा चुका है। उम्मीद जताई जा रही है कि दीपावली बाद प्रस्ताव पास हो जाएगा और तेजी से काम शुरू कराया जाएगा। इस म्यूजियम में ढेरों खासियतें होंगी। इसमें कंप्यूटर एवं सूचना प्रौद्योगिकी के जरिए भारत की सांस्कृतिक विरासत एवं ऐतिहासिक धरोहर को डिजिटल फॉर्मेट में सभी डेटा को संरक्षित किया जायेगा। साथ ही तीर्थ यात्रियों, श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों के समक्ष डिजिटल फॉर्मेट में शो भी किया जाएगा।

द्वारा पर बनेगा विशाल कुंभ कलश

इस म्यूजियम में कुल तीन फ्लोर होंगे। द्वार पर विशाल कुंभ कलश बनाया जाएगा। बताया जा रहा है कि कुंभ कलश इतना बड़ा होगा कि यह संगम से देखा जा सकेगा। डिजिटल कुंभ म्यूजियम में प्रवेश करते ही एक बड़ी एलईडी स्क्रीन होगी। इसमें कुंभ और संगम के महत्व को दिखाया जाएगा। ग्राउंड फ्लोर पर आध्यात्मिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक के साथ साहित्यिक विभूतियों की मोम से बनीं मूर्तियां स्थापित होंगी। सेकेंड फ्लोर पर सांस्कृतिक महत्व, अखाड़ा महत्व, के अलवा वास्तुकला को प्रदर्शित किया जाएगा थर्ड फ्लोर पर पौराणिक व वैज्ञानिकता से जुड़े तथ्यों व छायाचित्रों को डिजिटल फार्मेट से दर्शाया जायेगा।

रोप वे का सपना होगा पूरा

संगम किनारे बसने जा रहे डिजिटल म्यूजियम के साथ-साथ रोप-वे की भी सौगात मिलेगी। यह रोप वे डिजिटल कुंभ म्यूजियम से संगम तक का सफर पूरा कराएगा। कुल दूरी करीब तीन किलोमीटर से अधिक की होगी।

फुल एयर कंडीशंड थ्रेटर

एक फ्लोर पर एयर कंडीशंड थ्रेटर बनाने की भी तैयारी है। प्रोजेक्टर के जरिए संगम के पास बने किले, हनुमान मंदिर, अक्षयवट कुंभ पर निर्धारित मूवी दिखाई जाएगी।

वर्जन

पहली बार ऐसा प्रोजेक्ट आया है। यह न सिर्फ लोगों को अट्रैक्ट करेगा बल्कि सांस्कृतिक धरोहर से भी जोड़ेगा। साथ ही साथ पुराने इतिहास से भी रूबरू कराएगा। जमीन एलॉट हो चुकी है। बजट आते ही उम्मीद है कि दीपावली बाद शुरू हो जाएगा।

-दिनेश कुमार

उप निदेशक पर्यटन