10 रुपए में बिकता है आम दिनों में मास्क

14 रुपए हो गई इन दिनों इसकी कीमत

05 रुपए से शुरू होता मास्क का दाम

-कोरोना वायरस के डर से शहर में बढ़ गई डिमांड

-आम दिनों में दस में बिकता था, अब 14 रुपए हुआ दाम

PRAYAGRAJ: लखनऊ में कोरोना वायरस सस्पेक्टेड पाए जाने की खबर ने सभी को अलर्ट मोड में डाल दिया है। इसका नतीजा यह है कि मार्केट में बिकने वाले मास्क की कीमत बढ़ गई है। आलम यह है कि आम दिनों में 10 रुपए में बिकने वाला मास्क अब 14 रुपए में बिक रहा है। आने वाले कुछ दिनों में कोरोना वायरस का प्रकोप नहीं थमा तो यह कीमत अधिक बढ़ सकती है। हालांकि मास्क का दाम बढ़ने के पीछे कई अन्य रीजन भी बताए जा रहे हैं।

हॉस्पिटल्स में हो चुका है ओवर स्टॉक

शहर के हॉस्पिटल्स में भी मास्क का ओवर स्टाक रखना शुरू हो गया है। जिससे जरूरत पड़ने पर इनका उपयोग किया जा सके। हॉस्पिटल संचालकों का कहना है कि आमतौर पर सीवियर निमोनिया के मरीजों के इलाज के दौरान भी एहतियात बरतनी जरूरी है। क्योंकि इलाज करने वाला स्टाफ और मरीज के परिजनों को भी मास्क की सुरक्षा प्रदान करना जरूरी है। बता दें कि कोल्ड के गंभीर मरीजों से होने वाले संक्रमण की संभावना अधिक होती है।

अधिक कारगर है एन-95 मास्क

बता दें कि नॉर्मल मास्क पांच से 100 रुपए तक की रेंज में आता है। मास्क की कीमत उसकी क्वालिटी पर निर्भर करती है। एक्सपर्ट बताते हैं कि नॉर्मल मास्क से बेहतर एन-95 मास्क को माना जाता है। यह कोरोना वायरस, स्वाइन फ्लू सहित कई अधिक संक्रामक बीमारियों में कारगर साबित होते हैं।

बाहर से आ रही है डिमांड

वहीं मेट्रो सिटीज में मास्क की डिमांड और खपत बढ़ गई है। लोग एहतियातन इसका उपयोग कर रहे हैं। दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, हैदाराबाद, अहमदाबाद, इंदौर, भोपाल सहित यूपी के लखनऊ, कानपुर, आगरा, मेरठ आदि कई शहर शामिल हैं। क्योंकि इन शहरों में बाहर से आने वालों की संख्या अधिक है और यही कारण है कि इनकी डिमांड बढ़ गई है। व्यापारी बताते हैं कि इन शहरों में बल्क में मास्क की सप्लाई की जा रही है। यह प्रयागराज, वाराणसी, इटावा का स्टाक भी उठा रहे हैं।

सांस से फैलने वाली संक्रामक बीमारियों से बचाव में मास्क बेहतर भूमिका निभाता है। क्वॉलिटी के हिसाब से अधिक कारगर साबित होता है। स्वाइन फ्लू और कोरोना वायरस जैसी बीमारियों में एन 95 मास्क अधिक महत्वपूर्ण है।

-डॉ। आशुतोष गुप्ता, चेस्ट फिजीशियन

इस सीजन में कोल्ड के मरीज अधिक आते हैं। इनमें से कई सीवियर होते हैं। जरूरी है कि स्टाफ को अधिक प्रोटेक्ट किया जाए। यही कारण है कि शहर के तमाम हॉस्पिटल्स अपने यहां ग्लब्स और मास्क का स्टाक फुल रख रहे हैं।

-डॉ। सुशील सिन्हा, ओनर द्वारिका हॉस्पिटल व प्रेसीडेंट यूपी नर्सिग होम एसोसिएशन