-मनाया जाएगा अंतराल दिवस, अस्थाई साधन की मिलेगी जानकारी

-15 से 49 साल के लोगों को किया जाएगा टारगेट

PRAYAGRAJ: जनसंख्या नियंत्रण को बढ़ावा देने के लिए शासन एक बड़ा कदम उठाने जा रहा है। अब जिले में हर गुरुवार अंतराल दिवस का आयोजन किया जाएगा। इसमें केवल परिवार नियोजन की बात की जाएगी। इतना ही नहीं, नियोजन के अस्थाई साधनों के बारे में भी बताया जाएगा। इस कार्यक्रम में खासतौर से न्यूली मैरिड को फोकस किया जा रहा है। जिससे मातृ मृत्यु और शिशु मृत्यु दर पर लगाम लगाई जा सके।

कंडोम, कॉपर-टी वगैरह का मिलेगा ज्ञान

पूरे प्रदेश में यह कार्यक्रम एक साथ चलाया जाना है। इसके लिए प्रयागराज में गुरुवार का दिन चुना गया है। इस दिन गांव से लेकर शहर तक तमाम स्वास्थ्य केंद्रों पर मैरिड कपल को परिवार नियोजन के स्थाई और अस्थाई तरीकों के बारे में बताया जाएगा। मौके पर कंडोम, कॉपर टी, आईयूसीडी, अंतरा, नसबंदी आदि के बारे में बताने के साथ अस्थाई साधनों कंडोम आदि का वितरण भी किया जाएगा। साथ ही इनके प्रयोग के तरीकों पर भी प्रकाश डाला जाएगा।

तो बच जाएगी मां-बच्चे की जान

इस कार्यक्रम को लांच करने का प्रमुख उददेश्य प्रदेश में मातृ और शिशु मृत्यु दर पर लगाम लगाना है। बता दें कि अगर परिवार नियोजन कार्यक्रम सफल होता है तो अकेले प्रयागराज में मातृ मृत्यु दर में 30 फीसदी और शिशु मृत्यु दर में 11 फीसदी की कमी आ सकती है। अंतराल दिवस को सफल बनाने के लिए आशा और एएनएम को लगाया गया है। उनके पास मौजूद मैरिड कपल के डाटा के आधार पर क्षेत्र के लोगों को बुलाया जाएगा। खासकर न्यूली मैरिड कपल्स को टारगेट किया जा रहा है। क्योंकि गलती की संभावनाएं इस एंगल पर अधिक होती हैं।

कितना होना चाहिए अंतर

एक्सप‌र्ट्स कहते हैं कि शादी के बाद लोगों को पता नही होता कि बच्चों में कितना अंतर रखना चाहिए। उनकी एक गलती से माता और बच्चे दोनों की जान खतरे में पड़ जाती है। यही कारण है कि दोनों की मृत्यु दर पर लगाम लगाना मुश्किल हो रहा है। नियमानुसार शादी के बाद पहला बच्चा दो साल बाद और दो बच्चों के बीच तीन साल का अंतर होना चाहिए। तभी परिवार नियोजन के उददेश्य को सफल बनाया जा सकता है।

प्रत्येक गुरुवार को जिले के स्वास्थ्य केंद्रों पर अंतराल दिवस मनाने का निर्णय लिया गया है। इस कार्यक्रम में मैरिड कपल्स को परिवार नियोजन के अस्थाई और स्थाई तरीकों की पूरी जानकारी दी जाएगी। कार्यक्रम का उददेश्य माता और बच्चों के जीवन की रक्षा करना है।

-डॉ। मेजर गिरिजाशंकर बाजपेई, सीएमओ प्रयागराज