प्रयागराज (बालाजी केसरवानी)। डॉफी गांव निवासी आशुतोष त्रिपाठी ने आठ जनवरी को वंदे भारत एक्सप्रेस से नई दिल्ली के लिए कुछ टिकट बुक कराया था। बाद में कुछ रीजंस के चलते उन्होंने अपनी जर्नी पोस्टपोंड कर दी। इसके बाद उन्होंने टिकट भी कैंसिल कर दिया। इसके बाद रिफंड अमाउंट उनके अमाउंट में आ जानी चाहिए थी। लेकिन काफी दिनों के बाद भी पैसा वापस नहीं आया। इसके बाद आशुतोष ने रेलवे के ट्विटर हैंडल पर ट्वीट कर अपनी बात रखी। इसमें उन्होंने रेल मंत्री से लेकर अन्य रेल अधिकारियों को भी टैग किया। इसमें उन्होंने मोबाइल नंबर भी लिख दिया था।

अकाउंट नंबर मांगा और लिंक ओपेन करने को कहा

ट्वीट करने के कुद ही देर बाद आशुतोष के मोबाइल पर कॉल आई। कॉल करने वाले ने कहा कि वह आईआरसीटीसी से बोल रहा है। टिकट का रिफंड देने के लिए पहले उसने बैंक अकाउंट नंबर मांगा। फिर कहा कि एक मैसेज भेजा है, उसका लिंक ओपन करें और डिटेल भरकर भेजेें, रिफंड मिल जाएगा। शक होने पर आशुतोष त्रिपाठी ने जैसे ही कॉल करने वाले से पूछा तो उसने खुद को आईआरसीटीसी का अधिकारी बताया। आईआरसीटीसी का फुल फार्म पूछने पर कॉल डिस्कनेक्ट कर दिया।

रिफंड के लिए कभी नहीं आती कॉल

बाद में आशुतोष त्रिपाठी ने इस बारे में रेलवे के ट्विटर हैंडल पर कंप्लेंट की। वहां जवाब आया कि रिफंड के लिए आईआरसीटीसी की तरफ से कोई कॉल नहीं किया जाता है, न ही कोई लिंक भेजा जा रहा है। यह पूरी तरह से फ्रॉड है।

आप भी रहें अलर्ट

अगर आप भी सोशल साइट या फिर कहीं भी अपना मोबाइल नंबर दर्ज करते हैं तो फिर अलर्ट रहें। आप के पास भी इस तरह के फ्रॉड करने वाले कॉल आ सकते हैं। इस बारे में बहुत ज्यादा एहतियात बरतने की जरूरत है।

'पैसेंजर्स का रिफंड लौटाने के लिए आईआरसीटीसी द्वारा कभी कॉल कर अकाउंट नंबर नहीं मांगा जाता है। इकसे लिए कोई लिंक भी नहीं भेजा जाता है। रिफंड हमेशा पैसेंजर्स के अकाउंट में ही भेजा जाता है। फ्रॉड कॉल से लोग अलर्ट रहें, कोई भी डिटेल किसी को न दें।'

-सिद्धार्थ सिंह, डीजीएम पीआर, आईआरसीटीसी

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