-बेकाबू हो चुके डेंगू पर लगाम लगाने में स्वास्थ्य विभाग नाकाम

- एक-एक दिन गिनने में लगा है विभाग, तापमान घटने के बाद कम हो जाएंगे मच्छर

PRAYAGRAJ: जीहां, आपने बिल्कुल सही पढ़ा। डेंगू के आतंक पर लगाम अब स्वास्थ्य विभाग नहीं बल्कि मौसम लगाएगा। लगातार बढ़ते मरीजों को रोकने में नाकाम विभाग के अधिकारियों को अब मौसम का सहारा है। जैसे-जैसे तापमान कम होगा, मच्छरों की तादाद घटती जाएगी। ठंड का मौसम आने के बाद अपने आप डेंगू पर लगाम लग जाएगी। बस इसी ताक में बैठे अधिकारियों का दिन बीत रहा है। लेकिन, इस इंतजार का शिकार पब्लिक हो रही है। आए दिन दर्जनों लोग डेंगू का शिकार हो रहे हैं।

20 डिग्री के नीचे नहीं पनपते लार्वा

मच्छरों के लार्वा को पनपने के लिए एक निश्चित तापमान चाहिए। यही वजह है कि 40 डिग्री से कम और 20 डिग्री से ऊपर के तापमान में उनका आतंक बढ़ जाता है। इसी सीजन में मलेरिया और डेंगू भी चरम पर पहुंच जाते हैं। लेकिन जैसे-जैसे ठंड बढ़ती है और तापमान कम होता है, मच्छरों की संख्या भी कम हो जाती है। ऐसे में नवंबर के मध्य तक तापमान इस स्थिति में पहुंचने की उम्मीद की जा रही है।

छिड़काव और फॉगिंग बेअसर

स्वास्थ्य विभाग के डेंगू और मलेरिया के खिलाफ तमाम इंतजाम फेल होने का सीधा सा कारण है। सरकार हर साल एक जैसी दवा का छिड़काव और फॉगिंग कराती है जबकि मच्छर की प्रकृति और डेंगू के वायरस का नेचर हर साल चेंज होता है। ऐसे में दवाओं के प्रति मच्छरों में रेजिस्टेंस उत्पन्न हो चुका है और उन्हें इन इंतजामों से कोई फर्क नहीं पड़ता है। यही कारण है कि हर साल डेंगू के मरीज सामने आते हैं और विभाग पर लगाम लगाने में नाकाम साबित होता है।

280 पहुंची मरीजों की संख्या

उधर, दीपावली पर डेंगू मरीजों की संख्या 280 के आंकड़े पर पहुंच चुकी है। हालांकि पिछले साल से यह कम है लेकिन मरीजों के आने की संख्या कम नही हो रही है। दिवाली पर लैब बंद होने तक 24 नवंबर को 21 पॉजिटिव मरीज सामने आए थे। जबकि ऐसे सैकड़ों मरीज हैं जिनकी जांच अभी सरकारी लैब नहीं हुई है और उनका डेंगू का इलाज चल रहा है। इनमें डेंगू की पुष्टि प्राइवेट लैब की जांच में की गई है। शहर के प्रत्येक हॉस्पिटल में बडी संख्या में डेंगू और मलेरिया के मरीजों का इलाज चल रहा है।

मौसम बदल रहा है। ठंड आने पर 20 डिग्री से नीचे तापमान पर मच्छरों के लार्वा नहीं पनपते हैं। इसके बाद अपने आप डेंगू का संक्रमण खत्म हो जाएगा। इसके पहले हमारी ओर से जगह-जगह दवा का छिड़काव किया जा रहा है।

-डॉ। एएन मिश्रा, नोडल अधिकारी, जिला संक्रामक रोग इकाई