PRAYAGRAJ: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने हमीरपुर, राठ के निवासी हत्या व षड़यंत्र के आरोपी राजू तेली, लल्लू उर्फ लाल दीवान व भूपेन्द्र यादव को सुनायी गयी आजीवन कारावास व 10 हजार जुर्म ने की सजा रद कर दी है। विशेष न्यायाधीश (एससीएसटी) हमीरपुर ने इन्हें हत्या का दोषी करार देते हुए सजा सुनायी थी। कोर्ट ने तीनों आरोपियों को बरी करते हुए दोषमुक्त करार दिया है। राजू तेली व लल्लू जमानत पर हैं। कोर्ट ने उन्हें समर्पण न करने का आदेश देते हुए जमानत बाण्ड निरस्त कर दिया है और भूपेन्द्र यादव जो कि जेल में है, तत्काल रिहा करने का निर्देश दिया है।

न गवाह न सबूत

कोर्ट ने कहा है कि घटना का कोई चश्मदीद गवाह न ही था, और कोर्ट ठोस साक्ष्य नहीं है। अभियोजन की कहानी से आरोपियों का दुराशय साबित नहीं होता। ऐसे में बिना ठोस साक्ष्य अधीनस्थ न्यायालय द्वारा सुनायी गयी सजा निरस्त होने योग्य है।

यह आदेश न्यायमूर्ति आरएसआर मौर्या तथा न्यायमूर्ति यूसी त्रिपाठी की खण्डपीठ ने सजा के खिलाफ अपीलो को स्वीकार कर लिया है। अपील पर अधिवक्ता अश्वनी कुमार ओझा ने बहस की। मालूम हो कि 17 नवम्बर 92 को राठ में सुबह नौ बजे रवि प्रकाश गुटखा खरीदने दूकान पर गये। तीनों ने उन पर फायरिंग कर दी। मौके पर ही मौत हो गयी। पुलिस का कहना है कि रवि प्रकाश के भाई ओम प्रकाश ने भूपेन्द्र यादव के खिलाफ अखबार में खबर छायी थी। जिससे बदले में उन्होंने भाई की हत्या कर दी। हत्या की घटना का कोई गवाह नहीं था। खबर छपने पर हत्या की कहानी में हत्या का कारण स्पष्ट नहीं होता। मृतक के शरीर पर तीन गोली बताया गया जबकि केवल जांघ में एक गोली लगी पायी गयी। तीन आरोपियों द्वारा एक फायर करने की कहानी विश्वसनीय नहीं लगती। कोर्ट ने कहा अधीनस्थ न्यायालय ने साक्ष्यों पर विचार किये बगैर हत्या का दोषी करार दिया है। जो कानून के विपरीत है।