दहेज हत्या का पांच पर लगा था आरोप

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने देवरिया के रामपुर करर्वना थाना क्षेत्र में 2012 में बहू की दहेज हत्या के आरोपी पति सहित परिवार के चार आरोपियों को बरी कर दिया है। ननद कुशैदा खातून को हत्या का दोषी करार देते हुए सत्र न्यायालय द्वारा सुनायी गयी आजीवन कारावास की सजा को बहाल रखा है। 23 नवम्बर 2012 को दो बजे रात बहू शकीरा खातून पर मिट्टी का तेल डाल कर जला देने की घटना की प्राथमिकी दर्ज हुई थी जिसमें सत्र न्यायालय ने सभी पांच आरोपियों को दहेज उत्पीड़न व हत्या का दोष करार देते हुए आजीवन करावास व जुर्माने की सजा सनाई थी। आपराधिक अपील के जरिए इसे हाई कोर्ट में चुनौती दी गयी थी। कोर्ट ने अपील को आंशिक रूप से मंजूर कर लिया है।

मृत्यु पूर्व बयान पर आदेश

यह आदेश जस्टिस एपी साही और बच्चू लाल की खण्डपीठ ने अलीमुल्लाह व 4 अन्य की अपील पर दिया है। अपील पर अधिवक्ता दयाशंकर मिश्र ने बहस की इनका कहना था कि मृतका ने मृत्यु पूर्व बयान दिया है जिसमें पति के शराब की लत को लेकर घटना के एक दिन पहले झगडे़ का जिक्र है। घटना के दिन के बयान में साफ कहा गया है कि ननद कुशैदा खातून ने उस पर मिट्टी का तेल डाल कर आग लगा दी, उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया बाद में मौत हो गयी। कोर्ट ने ननद की सजा बहाल रखते हुए अन्य चार आरोपियों अलीमुल्लाह, अतीमुल्लाह, अमीरुल्लाह व इसरायइल को संदेह का लाभ देते हुए हत्या के आरोप से बरी कर दिया है।

जुर्माना राशि वापस करें

कोर्ट ने जेल में बन्द अलीमुल्लाह को रिहा करने का आदेश दिया है। शेष पहले से जमानत पर हैं, कोर्ट ने आरोपियों पर सत्र न्यायालय से लगी जुर्माना राशि वापस करने का भी आदेश दिया है। ननद की जमानत खारिज हो चुकी है, कोर्ट ने उसे सजा पूरी करने का आदेश दिया है। मृत्युकालिक बयान के आधार पर कोर्ट ने सत्र न्यायालय द्वारा सुनाई गयी सजा को सही नही माना और चार को रिहा कर केवल एक आरोपी की सजा बहाल रखी है।