केपी-ट्रस्ट बाईलाज संशोधन पर हाई कोर्ट का आदेश, नहीं रुकेगी चुनाव प्रक्रिया

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने केपी ट्रस्ट इलाहाबाद के बाईलाज संशोधन पर याची की आपत्तियों को निबन्धक सोसायटीज को यथाशीघ्र निर्णीत करने का निर्देश देते हुए कहा है कि तब तक नये सदस्यों का पंजीकरण न किया जाय। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि आपत्तियों के निस्तारण प्रक्रिया के चलते ट्रस्ट कार्यकारिणी के चुनाव पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। चुनाव प्रक्रिया पूरी की जायेगी।

सिंगल बेंच के फैसले को चुनौती

यह आदेश चीफ जस्टिस डीबी भोंसले तथा जस्टिस यशवन्त वर्मा की खण्डपीठ ने कुमार नारायण व अन्य की विशेष अपील पर दिया है। अपील पर वरिष्ठ अधिवक्ता टीपी सिंह व विपक्ष की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता आरके ओझा, एसडी कौटिल्य ने बहस की। अपील में जस्टिस संगीता चन्द्रा के फैसले को चुनौती दी गयी थी। एकल पीठ ने भी निबन्धक को दोनों पक्षों को सुनकर याची की आपत्तियों का निस्तारण करने का आदेश दिया था। याची का कहना है कि नियमों की विहित प्रक्रिया के विपरीत अध्यक्ष के निर्देश पर ट्रस्ट के बाईलाज में संशोधन कर दिया गया। यह संशोधन अभी तक पंजीकृत नहीं हुआ है। संशोधन के चलते कई लोग चुनाव लड़ने से वंचित हो जायेंगे और दो हजार नये सदस्य बन जायेंगे। जो सीधे चुनाव को प्रभावित करेंगे।

दबाव में नहीं ले पा रहे फैसला

याची का कहना था कि निबन्धक को निश्चित अवधि के भीतर आपत्ति तय करने का निर्देश दिया जाय क्योंकि सरकार के दबाव में वह फैसला नहीं ले पा रहे हैं। कोर्ट ने कहा कि चुनाव प्रक्रिया पूरी होगी। याची अधिवक्ता का यह भी कहना था कि अभी निर्वाचन अधिकारी ने चार्ज नहीं लिया है और चुनाव प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है। ऐसे में निबन्धक को आपत्ति इससे पहले तय करने का आदेश दिया जाय। किन्तु कोर्ट ने यथाशीघ्र तय करने का आदेश दिया है।