राजेन्द्रा स्टील कंपनी के पूर्व डायरेक्टर के अमेरिका से प्रत्यर्पण का मामला

सीबीआइ से कार्यवाही रिपोर्ट तलब, सुनवाई 21 को होगी

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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मेसर्स राजेन्द्रा स्टील कंपनी के पूर्व निदेशक डीएस बत्रा के अमेरिका से प्रत्यर्पण मामले में अधूरी जानकारी भेजने की तीखी आलोचना की है और कहा है कि 2006 में रेड कार्नर नोटिस जारी की गयी और सीबीआई ने 2018 में प्रत्यर्पण कार्यवाही शुरू की। 12 साल बाद भी सीबीआइ ने अमेरिकी दूतावास को पूरा जानकारी नहीं दी। उससे पूरी जानकारी मांगी गयी है। कोर्ट ने सीबीआइ को अमेरिका को पूरी जानकारी मुहैया कराकर 21 फरवरी को अनुपालन रिपोर्ट के साथ हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है।

शिकंजा कसा को चले गये विदेश

वहां पर 450 करोड़ रुपये की देनदारी का आरोप है। कंपनी की सम्पत्ति समापन प्रकिया शुरू होने के बाद पूर्व निदेशक ने दूसरों को कब्जे में दे दी। यह आदेश जस्टिस अंजनी कुमार मिश्र ने मेसर्स राजेन्द्रा स्टील कानपुर की याचिका पर दिया है। कोर्ट ने कहा कि 1992 में कंपनी के समापन की कार्यवाही शुरू की। 2006 में घोटाले का पता चलने पर सीबीआइ जांच बैठायी गयी। करोड़ों की देनदारी का शिकंजा कसते देख पूर्व निदेशक विदेश भाग गया। कोर्ट ने कड़े रुख के बाद सीबीआइ ने बत्रा के अमेरिका से प्रत्यर्पण की कार्यवाही की याचिका की सुनवाई 21 फरवरी को होगी।