तीसरी बार नियम टूटने पर मैरेज हाल पर लगेगा दस लाख रुपये जुर्माना

prayagraj@inext.co.in

पार्किंग को लेकर पहले से सख्त इलाहाबाद हाई कोर्ट ने गुरुवार को मैरेज हाल संचालकों पर ध्वनि प्रदूषण को लेकर शिकंजा कस दिया। कोर्ट ने नियम का उल्लंघन होने पर पहली बार एक लाख, दूसरी बार पांच लाख और तीसरी बार दस लाख रुपये जुर्माना लगाने का अधिकार दे दिया। साथ में यह भी जोड़ दिया कि गलती चौथी बार की जाती है कि संबंधित मैरेज हॉल का लाइसेंस निरस्त कर दिया जाय। गुरुवार को शिव वाटिका मैरेज हाउस व अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला जस्टिस पीकेएस बघेल व पंकज भाटिया की बेंच ने सुनाया। कोर्ट ने मैरेज हाल के लिए नियम कानून भी तय कर दिये।

100 से ज्यादा दूर न चलें बाराती

याचिका पर सुनवाई के बाद अपने फैसले में कोर्ट ने कहा कि बारात को मैरेज हाल से अधिकतम 100 मीटर की दूरी पर एकत्र करके निकाला जाए। इससे ज्यादा दूरी से बारात निकाली जाती है तो भी मैरेज हाल के मालिक से जुर्माना वसूल किया जाय। हर विवाह गृह से एनसीटी नीति के अनुसार हलफनामा लिया जाय। कोर्ट ने प्रस्तावित बाइलॉज को लागू बाइलॉज के विपरीत होने के कारण अनुमोदित करने से इन्कार कर दिया और कहा कि इसे सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार बाइलॉज तैयार किया जाय। कानून के खिलाफ प्रयागराज शहर में तमाम विवाह गृह चल रहे हैं। जो शहरवासियों के लिए परेशानियों का सबब बने हैं।

ट्रैफिक को कर रहे हैं डिस्टर्ब

कोर्ट ने कहा कि पीडीए ने भी माना है कि विवाह गृह शहर की यातायात व्यवस्था के लिए परेशानी खड़ी कर रहे हैं। प्राधिकरण ने दो बाइलॉज पेश किया। कोर्ट ने शहर का मास्टर प्लान व जोनल प्लान पर भी विचार किया। कहा कि केवल सिविल लाइंस में ही जोनल प्लान तैयार हुआ है। लेकिन, पूरे शहर का जोनल प्लान अभी तक तैयार नहीं किया जा सका। कोर्ट ने कहा कि किसी विवाह गृह में अधिक ध्वनि होने पर यदि पुलिस को 100 नंबर पर शिकायत मिलती है तो पुलिस निर्देशों का पालन करे। कोर्ट ने प्रयागराज विकास प्राधिकरण के सचिव से छह नवंबर को प्रगति रिपोर्ट मांगी है औरसुशील चंद्र श्रीवास्तव केस में दिए गए निर्देशों का पालन सुनिश्चित कराने को कहा है।

कोर्ट ने तय किया मैरेज हॉल का एरिया

कम से कम 1500 वर्ग गज एरिया होना चाहिए

18 मीटर चौड़ी सड़क पर 18 मीटर फ्रंटेज होना चाहिए

30 प्रतिशत कवर एरिया व 40 प्रतिशत ओपन एरिया होना चाहिए

वाहन पार्किग की व्यवस्था अनिवार्य रूप से हो।