हाईकोर्ट ने जारी किया सामान्य समादेश

बेदखली, ध्वस्तीकरण कार्रवाई धीमी करने का भी निर्देश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा को देखते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वादकारियों को बड़ी राहत दी है। चीफ जस्टिस गोविंद माथुर और जस्टिस समित गोपाल की खंडपीठ ने जनहित याचिका कायम कर 19 मार्च से अगले एक माह के दौरान समाप्त होने वाले सभी अंतरिम आदेशों की अवधि 26 अप्रैल तक के लिए बढ़ा दिया है। कोर्ट ने कहा कि जो आदेश अगले आदेश तक निर्भर हैं, उनके ऊपर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा, वह जारी रहेंगे।

अग्रिम जमानत पर भी लागू होना नियम

कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर किसी आपराधिक मामले में अग्रिम या नियमित जमानत दी गई है और एक माह के भीतर उसकी अवधि पूरी हो रही है। ऐसी स्थिति में वह अगले एक माह तक जारी रहेगी।

कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट या जिला अदालतों द्वारा यदि कोई ध्वस्तीकरण या बेदखली आदेश जारी किया गया है तो वह अगले एक माह तक निष्प्रभावी रहेगा।

राज्य सरकार, नगर निकाय या अन्य कोई ऐसी एजेंसी नागरिकों के खिलाफ ध्वस्तीकरण व बेदखली कार्रवाई करने में शिथिलता बरते।

कोर्ट ने आदेश की प्रति प्रदेश के महाधिवक्ता, अपर सालीसिटर जनरल ऑफ इंडिया, सहायक सालीसिटर जनरल ऑफ इंडिया, राज्य लोक अभियोजक व बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश के चेयरमैन को भेजने का आदेश दिया है।

हाईकोर्ट ने संविधान के अनुच्छेद 226 एवं 227 के अंतर्गत मिली शक्तियों का प्रयोग करते हुए वादकारियों के हित में उनकी आवश्यकताओं को देखते हुए यह सामान्य समादेश जारी किए हैं।

हाईकोर्ट का आदेश सभी जिला अदालतों, हाईकोर्ट क्षेत्राधिकार के अंतर्गत आने वाले सभी अधिकरणों व न्यायिक संस्थाओं पर भी लागू होगा।