जहरीली शराब बनाने में केमिकल सप्लाई करने वालों की जमानत खारिज

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उत्तराखंड व उत्तर प्रदेश में जहरीली शराब पीने से मरने वाले प्रकरण में केमिकल की सप्लाई करने के आरोपियों में फर्म के प्रोपराइटर विपिन कुमार व अमित गुप्त की जमानत अर्जी इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। यह आदेश जस्टिस यशवंत वर्मा ने विपिन कुमार व अमित गुप्त की कई जमानत अर्जी पर एक साथ सुनवाई करते हुए दिया। याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल स्वरूप चतुर्वेदी व दिनेश गोस्वामी तथा राज्य सरकार की तरफ से अपर शासकीय अधिवक्ता विकास सहाय ने प्रतिवाद किया।

13वीं में बांटी गयी थी शराब

सात फरवरी 2019 को उत्तराखंड के हरिद्वार जिले के एक गांव में तेरहवीं के दौरान शराब वितरण किया गया। वह शराब पीने से कई ग्रामीणों का स्वास्थ्य अचानक खराब हो गया। इसमें 144 लोगों की मौत हो गई थी। साथ ही कई लोग बीमार हो गए, जिससे उनकी आंख की रोशनी चली गई। मृतक उत्तराखंड के झबरेड़ा थाना अंतर्गत व उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के रहने वाले थे। इस पर हरिद्वार जिला के झबरेड़ा थाना व उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिला के नागल, देवबंद व गागलहेड़ी थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गई। याचिकाकर्ता का तर्क था कि उन्होंने केवल केमिकल की सप्लाई की है जो अपनी जीएसटी पर दिया है। वह केवल व्यावसायिक कार्य है। इनके द्वारा कोई भी गलत तरीके से सप्लाई नहीं की गई। यह भी तर्क रखा गया कि उनका नाम केवल अभियुक्तों के बयान में आया है और कोई साक्ष्य नहीं है। जबकि राज्य सरकार की तरफ से कहा गया कि 144 लोगों की मौत होना गंभीर अपराध है। इनके द्वारा जीएसटी का प्रयोग तीन फर्मो के द्वारा किया गया। जबकि माल की सप्लाई अमित गुप्त के गोडाउन से की गई।

रिकवर किये गये ड्रम में था मिथाइल

झबरेड़ा पुलिस द्वारा गोडाउन से 56 ड्रम केमिकल की रिकवरी की गई, जिसकी एफएसएल की रिपोर्ट में मिथाइल पाया गया। मिथाइल एक विष पदार्थ है जिसके क्रय व विक्रय के लिए लाइसेंस की आवश्यकता होती है जो प्राधिकृत अधिकारी द्वारा जारी किया जाता है। आरोपियों को जहरीली शराब बनाकर बेचने की पूरी जानकारी थी। इसके साथ ही मृतकों के विसरा में भी मिथाइल पाया गया। सहारनपुर जिला के गागलहेडी थाना में 49, नगर थाना में 40 व देवबंद थाना में 10 लोग जहरीली शराब पीने से मरे थे जिन का पोस्टमार्टम किया गया था।