i update
सुप्रीम कोर्ट ने जिलाधिकारी कार्यालय में लगे आरओ को हटाकर जीजीआईसी में लगवाने पर रोक लगाई थी। यह नहीं कहा था कि बच्चियों के लिए आरओ न लगवाया जाय। फिर अब तक इस दिशा में कदम क्यों नहीं उठाया गया। क्यों न इसे लापरवाही मानते हुए कोर्ट के आदेश की अवमानना मानते हुए कार्रवाई शुरू कर दी जाय। यह टिप्पणी इलाहाबाद हाई कोर्ट ने शुक्रवार को जीजीआईसी में बच्चियों के लिए बेसिक फेसेलिटी पर सुनवाई के दौरान की। कोर्ट ने प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा को नोटिस जारी करके जवाब मांगा है। याचिका की सुनवाई 7 नवम्बर को होगी। यह आदेश जस्टिस अरुण टण्डन तथा राजीव जोशी की खण्डपीठ ने विनोद कुमार सिंह की जनहित याचिका पर दिया है।
क्या कहा था कोर्ट ने
बालिका विद्यालयों में हैण्डपम्प से पानी आपूर्ति बंद कराई जाय
सभी कॉलेजों में आरओ लगाए जाएं ताकि बच्चियों को शुद्ध पानी मिले
निर्धारित समय में कॉलेजों में आरओ नहीं लगाए जाते हैं तो डीएम ऑफिस में लगे आरओ कॉलेजों में शिफ्ट किया जाए।
क्या किया सरकार ने
इस आदेश के खिलाफ राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट गई
सुप्रीम कोर्ट ने डीएम कार्यालय से आरओ निकालकर कॉलेजों में लगाने के आदेश पर रोक लगा दी
याचिका हाईकोर्ट द्वारा सुने जाने का आदेश दिया
सवाल
राजकीय बालिका विद्यालयों में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए क्या-क्या कदम उठाए गए हैं
उनके लिए टॉयलेट की पर्याप्त व्यवस्था है या नहीं
टॉयलेट की नियमित सफाई होती है या नहीं
बच्चियों को शुद्ध पेयजल मिले, इसके लिए क्या व्यवस्था हुई
जिले के जीजीआईसी व छात्र संख्या
राजकीय गर्ल्स इंटर कालेज हंडिया 1000
राजकीय गर्ल्स इंटर कालेज फूलपुर 1500
राजकीय गर्ल्स इंटर कालेज सैदाबाद 600
राजकीय गर्ल्स इंटर कालेज शंकरगढ़ 200
राजकीय गर्ल्स इंटर कालेज नारीबारी 300
राजकीय गर्ल्स इंटर कालेज फाफामऊ 1200
राजकीय गर्ल्स इंटर कालेज कटरा 250
राजकीय गर्ल्स इंटर कालेज सिविल लाइंस 500
राजकीय गर्ल्स इंटर कालेज जसरा 700
(नोट : छात्राओं की संख्या अनुमानित)