सिंगल बेंच ने स्टॉफ की कमी को देखते हुए दिया था ज्वाइन कराने का आदेश

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कोरोना वायरस प्रभावित लोगों की जांच के लिए स्टाफ की कमी को देखते हुए चयनित 729 लैब सहायकों को राजकीय अस्पतालों में ज्वाइन कराने पर लगी रोक हटाने के एकल पीठ के आदेश को विशेष अपील में चुनौती दी गयी है। इस मामले में 11 जून को सुनवाई होगी। इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस शशिकांत गुप्ता और एसएस शमशेरी की खंडपीठ के समक्ष अपील सुनवाई के लिए शुक्रवार को पेश हुई। जस्टिस शमशेरी ने स्वयं को सुनवाई से अलग कर लिया। इससे अपील नई पीठ नामित करने के लिए मुख्य न्यायाधीश को भेज दी गयी।

जस्टिस ने खुद को सुनवाई से अलग किया

बता दें कि जस्टिस शमशेरी की एकलपीठ ने ही ज्वाइनिंग पर लगी रोक हटाते हुए सरकार को नियुक्ति की छूट दी थी। एकल पीठ ने राज्य सरकार की प्रार्थना पर उस अंतरिम आदेश को संशोधित कर दिया था। इसके तहत चयनित लैब सहायकों की नियुक्ति पर रोक लगी थी। आदेश संशोधित करते हुए कहा कि सभी लैब सहायकों को सेवा में लिया जाय। कोर्ट ने कहा था कि इन सभी की ज्वाइनिंग याचिका पर पारित अंतिम आदेश के अधीन रहेगी। एकल पीठ ने याचिका पर सुनवाई के लिए 13 जुलाई की तारीख नियत की है। इसी आदेश को अपील में चुनौती दी गयी है। कोर्ट के आदेश के बाद ऐसा माना जा रहा है कि अधिकांश लैब सहायकों ने ज्वाइनिंग भी कर ली है। अब विशेष अपील की सुनवाई किसी अन्य खंडपीठ में होगी।