इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मृतक आश्रित को मांगे गए पद पर नियुक्ति का आदेश दिया

prayagraj@inext.co.in

मृतक कर्मचारी आश्रित को मांगे गए पद पर नियुक्ति नहीं दी जाती तो ऐसा करने का कारण बताना होगा। आश्रित तृतीय श्रेणी पद पर नियुक्ति योग्यता रखता है तो उसे एक वर्ष का समय स्किल डेवलपमेंट के लिए दिया जाना चाहिए। टाइपिंग टेस्ट में सफल न होने के कारण उसे चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के रूप में बिना समय दिए नियुक्त किया जाना सही नहीं है। यह कमेंट इलाहाबाद हाई कोर्ट के जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल ने मंगलवार को सुनवाई के दौरान दिया। कोर्ट ने तृतीय श्रेणी पद पर नियुक्ति से इन्कार करने के आदेश को रद करके तीन माह में नये सिरे से निर्णय लेने का निर्देश दिया है।

टाइप टेस्ट में हो गया था फेल

याचिका अलीगढ़ के विपिन कुमार उपाध्याय ने दाखिल की है। याचिका पर अधिवक्ता बीएन सिंह व देवेंद्र प्रताप सिंह ने बहस की। याची का कहना था कि उसके पिता ट्यूबवेल ऑपरेटर थे, उनकी आठ अगस्त 2008 को मृत्यु हो गयी। याची ने आश्रित कोटे में तृतीय श्रेणी पद पर नियुक्ति का आवेदन दिया। लेकिन, तीन बार टाइप टेस्ट लेने के बाद उसे चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पद पर नियुक्ति दी गयी। याची ने तृतीय श्रेणी पद पर नियुक्ति की मांग की जिसे अस्वीकार कर दिया गया। कोर्ट ने कहा कि नियमावली में ऐसे मामले में एक साल में योग्यता हासिल करने का अवसर दिया जाना चाहिए।