उप्र लोकसेवा आयोग की भर्ती परीक्षाओं की चल रही है जांच

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उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग की भर्ती परीक्षाओं में हुई गड़बड़ी की चल रही सीबीआइ जांच शीघ्र पूरी करने की मांग को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में दाखिल याचिका पर सुनवाई बढ़ गई है। प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के प्रवक्ता अवनीश पांडेय की ओर से दाखिल याचिका पर 31 अक्टूबर को सुनवाई होगी।

पांच साल की सभी परीक्षाओं की जांच

यह आदेश जस्टिस सुधीर अग्रवाल व जस्टिस राजीव मिश्र की खंडपीठ ने दिया है। सीबीआइ लोकसेवा आयोग द्वारा 2012 से 2017 तक कराई गई सभी परीक्षाओं व जारी किए गए परिणामों की जांच कर रही है। इसमें तकरीबन 550 से अधिक भर्ती परीक्षाओं व परिणामों की जांच होनी है। कोर्ट में इसके पहले सीबीआइ के वरिष्ठ अधिवक्ता ज्ञान प्रकाश ने कोर्ट को बताया था कि विचाराधीन जनहित याचिका पर कोर्ट के आदेश से पेपर लीक की जांच सीबीआइ कर रही है। वह याचिका कोर्ट में लगी है। इस पर कोर्ट ने स्टैम्प रिपोर्टिग विभाग से रिपोर्ट मांगी थी। बुधवार को सुनवाई के लिए समिति की याचिका पेश हुई। कोर्ट ने 31 अक्टूबर को पेश करने का आदेश दिया है।

कैदियों की रिहाई पर केंद्र व प्रदेश सरकार से जवाब तलब

हाई कोर्ट में दाखिल पीआईएल पर छह दिसंबर को होगी सुनवाई

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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लंबे समय से जेलों में सजा भुगत रहे कैदियों की निश्चित अवधि के रिहाई की मांग में दाखिल जनहित याचिका पर केंद्र व राज्य सरकार से जवाब मांगा है। याचिका पर अगली सुनवाई छह दिसंबर को होगी।

नहीं हो रहा सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन का पालन

यह आदेश जस्टिस पीकेएस बघेल तथा जस्टिस पीयूष अग्रवाल की खंडपीठ ने पीयूसीएल की तरफ से उत्पला शुक्ला की जनहित याचिका पर दिया है। याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता रवि किरण जैन व दीबा सिद्दीकी ने बहस की। इनका कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने लंबे समय से जेलों में बंद कैदियों को गाइडलाइन के तहत रिहा करने का निर्देश दिया है। लेकिन, उसका पालन नहीं किया जा रहा है। इसकी वजह से जेलों में क्षमता से अधिक कैदी बंद हैं। उन्हें मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल पा रही है।