हाई कोर्ट महानिबंधक को जांच का आदेश

हाईकोर्ट में मुकदमों की सूचना उपलब्ध कराने के लिए लागू नए सीआइएस सिस्टम की बदौलत तमाम गड़बडि़यां सामने आ रही हैं। बुधवार को भी ऐसा ही हुआ जब एक ही याचिका दो अलग-अलग नोटिस नंबर और पेटीशन नंबर के साथ एक ही अदालत में सूचीबद्ध हो गई। इसका खुलासा हुआ तो कोर्ट ने इसे गंभीरता से लेते हुए महानिबंधक की जांच का निर्देश दिया है। कोर्ट ने महानिबंधक से कहा कि ऐसी चूक दुबारा नहीं होनी। रामकृष्ण कन्या हाईस्कूल गोरखपुर की याचिका पर जस्टिस मनोज मिश्र सुनवाई कर रहे थे।

दो वकीलों के नाम अलग-अलग

याचिका सीरियल नंबर 7 पर नोटिस संख्या 2117-2018 तथा याचिका संख्या 3123-2018 अधिवक्ता विनोद सिन्हा के नाम से सूचीबद्ध थी। यही याचिका सीरियल नंबर 25 पर भी नोटिस संख्या 3448-2018 याचिका संख्या 3182-2018 अधिवक्ता विनय श्रीवास्तव के नाम से सूचीबद्ध थी। इस याचिका में दोनों ही वकील थे। अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि दोनों याचिकाएं एक ही हैं मगर दो वकील होने के कारण दोनों के नाम से अलग-अलग लिस्ट हो गई। पूर्व अध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता राधाकांत ओझा ने कोर्ट को बताया कि नए सीआइएस सिस्टम की वजह से यह गड़बड़ी हो रही है। वकीलों को मुकदमे की सूची नहीं मिल पा रही है। केस लिस्टिंग की भी सही जानकारी नहीं हो रही है। मुकदमे बिना क्षेत्राधिकार वाली अदालतों में लिस्ट हो रहे हैं इससे वकीलों को काफी परेशानी हो रही है।