इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सरस्वती ब्रह्माचर्य आश्रम संस्कृत डिर्गी कालेज कानपुर नगर में छात्र रहे होने के कारण उसी कालेज में अध्यापक नियुक्त होने की वैधता की चुनौती याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा कि याची ने नियुक्ति की वैधता को चुनौती नहीं दी है। ऐसे में हस्तक्षेप करने का आधार नहीं है।

यह आदेश जस्टिस अश्वनी कुमार मिश्र ने वेद प्रकाश पांडेय की याचिका पर दिया है। मालूम हो कि सम्पूर्णानन्द विश्वविद्यालय वाराणसी ने कालेज के प्राचार्य की नियुक्ति के लिए कमेटी गठित की। कमेटी ने याची के बजाय विपक्षी को उपयुक्त पाया और कुलपति ने 28 जनवरी 18 के आदेश से नियुक्ति कर दी जिसे चुनौती दी गयी थी।