मंडी में आम का थोक रेट

- छोटे साइज के आम 12 सौ रुपए क्विंटल

- मीडियम साइज के आम 13 सौ रुपए क्विंटल

- बड़े आम के साइज 15 सौ रुपए क्विंटल

-लोकल मंडी में 50 से 60 रुपये बिक रहा है फलों का राजा आम

-जून के आखिरी सप्ताह में आम के रेट में आयेगी गिरावट

PRAYAGRAJ: थोक की तुलना में फलों का राजा आम लोकल मार्केट में आते-आते तीन से चार गुने दाम पर बिक रहा है। फल व्यापारियों की मानें तो आमों के दाम में गिरावट जून आखिरी तक कुछ कम होगी। जब फ्रूट मार्केट में इनकी आवक अच्छी होगी। दरअसल पिछले सप्ताह दशहरी आम के मार्केट में आने के बाद उम्मीद की जा रही थी कि आम के दाम में गिरावट आयेगी, पर ऐसा नहीं हुआ। अभी भी लोकल मार्केट में दशहरी आम 50 से 60 रुपये में मिल रहा है वहीं अन्य वैरायटी के आम 70 रुपये प्रति किलो तक हैं।

इस वजह से बढ़ जाते हैं दाम

-आम की आवक कम होने के कारण अभी महंगे बिक रहे आम

-आंधी-तूफान ने तकरीबन तीस परसेंट आम खराब हो गया है।

-उतारने व चढ़ाने का चार्ज

-ट्रांसपोर्टेशन चार्ज

-हर एक बोरी का तौलाने का चार्ज

-आम को छांट कर पैक का चार्ज

-कच्चे आम को पकाने का चार्ज

दशहरी का मिला स्वाद, अब लंगड़ा का है इंतजार

पिछले सप्ताह दशहरी आम की आवक आने के बाद लोगों ने इसका स्वाद चखा। वहीं चौसा, लंगड़ा आम के लिए प्रयागराजवासियों को एक सप्ताह और इंतजार करना पड़ सकता है। दशहरी आम पहुंचते ही आम व्यावसायिों ने इसे हाथों हाथ लिया है। फल व्यापारियों के अनुसार एक हफ्ते के बाद लंगड़ा व चौसा आम मंडी में आ जाएगा। आम कारोबारी प्रतीक पांडेय ने बताया कि इस बार आम की गुणवत्ता काफी बेहतर है। कारोबारियों का मानना है कि कोरोना के कारण इस बार आम बाहर नहीं जा पायेगा। ऐसे में लोकल बाजार में उम्दा क्वालिटी का आम मिलेगा।

अभी यहां से आ रहे हैं आम

मालिहाबाद

सीतापुर

मानिकपुर

कुंडा

आम के आवक से केले के भाव पर असर पड़ा है। आम का सीजन है ज्यादातर लोग आम खाना ज्यादा पसंद करते है और आम महंगा होने का एक यह भी कारण।

प्रमोद यादव उर्फ बच्चा,महामंत्री, फल सब्जी व्यापार मंडल संघ

आम की आवक पिछले साल की तुलना कम आई है। इसलिए आम बाजारों में महंगे है। पल्लेदारी भी काफी महंगा है। लेकिन जून के आखिरी तक में लोगों को थोड़ा सस्ते आम खाने को जरूर मिलेगा।

प्रतीक पांडेय, आम थोक विक्रेता व्यापारी

फलों का रेट मंडी परिषद तय नहीं करता है। मंडी के अंदर खरीदने वाले थोक विक्रेता ही आम की क्वालिटी के हिसाब से प्राइस को तय करते हैं।

रेनू वर्मा, मंडी सचिव