-एक सप्ताह के भीतर आने लगेगा दिहाड़ी मजदूरों के खाते में पैसा

-बैंकों से होगा वितरण, बिना प्लानिंग पैसा बांटने से सोशल डिस्टेंसिंग पर असर पड़ने की आशंका

PRAYAGRAJ: लॉकडाउन के दौरान दिहाड़ी मजदूरों के खाते में एक हजार रुपए डालना सरकार का अच्छा फैसला है। लेकिन यह पैसा बैंक से निकालने की प्लानिंग क्या होगी, इसको लेकर बैंकर्स में चिंता है। उनका कहना है कि नोटबंदी की तरह अगर इस बार भी पब्लिक बड़ी संख्या में बैंक तक आ गई तो लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग का मतलब खत्म हो जाएगा। ऐसे में बैंकर्स के साथ पब्लिक में भी कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ने की पूरी आशंका रहेगी।

जनधन खाते में आएगा पैसा

-उप्र सरकार ने मनरेगा और श्रम विभाग में जुडे़ मजदूरों को लॉकडाउन में एक हजार रुपए देने का वादा किया है।

-इसको लेकर बहुत जोर-शोर से तैयारी की जा रही है।

-मोहल्लों और गांव में लोगों से फॉर्म भरवाकर डिटेल प्रशासन को उपलब्ध कराई जा रही है।

-जिन मजदूरों ने फार्म भरा है उनके जनधन खाते में यह रकम जल्द ही डाल दी जाएगी।

-फिर लोग बैंक जाकर इस पैसे को अपने अकाउंट से निकाल सकेंगे।

बैंकों में पहुंचेगी भीड़

-अकाउंट में एक बार पैसा आ जाने के बाद सैकड़ों की संख्या में लोगों का रुख बैंकों की ओर होगा।

-अपने अपने बैंकों की ब्रांच में जाकर यह लोग पैसा निकालेंगे। यह तादाद सैकड़ों ही नहीं, हजारों में होगी।

-लेकिन इन लोगों को मैनेज करने के लिए पुलिस और प्रशासन का प्लान क्या है, इस बारे में बैकों को कोई जानकारी नहीं दी गई है।

-इस बात से बैंकर्स के माथे पर भी चिंता की लकीरें खिंची हुई हैं।

-उनका कहना है कि पर्याप्त पुलिस फोर्स और स्वास्थ्य विभाग की मॉनीटरिंग के बीच पैसा वितरण का काम कराया जाना चाहिए।

-इससे बैंकों में भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो और लोग सेफ रहें।

डिएक्टिवेट हैं 80 फीसदी खाते

बैंकों का कहना है कि नोटबंदी के बाद से 80 फीसदी जन धन खातों में कोई टांजैक्शन नहीं किया गया है। यह खाते बंद पडे हैं और इनकी केवाईसी भी अपडेट नही है। ऐसे में प्रत्येक लाभार्थी का आधार और पैन लेकर उसका ऑन स्पाट वेरिफिकेशन करना होगा। बायोमीट्रिक प्रणाली के जरिए फिंगर प्रिंट लेना होगा। ऐसे में डिवाइस के जरिए भी संक्रमण फैलने की संभावना होगी। ऐसे में बैंकर्स ने प्रशासन और पुलिस से फुलप्रूफ प्लानिंग करने की मांग की है।

कोरोना वायरस संक्रमण से सभी डरे हुए हैं। ऐसे में अगर बैंक में बड़ी संख्या में लोग आएंगे तो इससे बैंक कर्मचारियों की सुरक्षा करनी होगी। हमारी मांग है कि बैंकों में सुरक्षा के पूरे इंतजाम किए जाएं और साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखा जाए। ऐसा करने से हम किसी अनहोनी से बचाव कर सकते हैं।

-मदनजी उपाध्याय, बैंक यूनियन लीडर

हमारी जनता से अपील है कि आवश्यक न हो तो बैंक आने से बचें। जरूरी काम पडने पर ही बैंक सेवाओं का लाभ लें। हमारी सरकार से अपील है कि डॉक्टर, पुलिस और पैरोमेडिकल स्टाफ तरह लॉकडाउन में काम कर रहे बैंकर्स की फैमिली को आर्थिक सहायता के लिए बीमा कवर दिया जाए।

-डॉ। मधुरेश सिंह सचिव, ऑल इंडिया पीएनबी ऑफिसर्स एसोसिएशन इलाहाबाद मंडल