-इलाहाबाद म्यूजियम में बन रही देश की पहली आजाद गैलरी के लिए मेरठ से आया सबसे बड़ा व पहला ऐतिहासिक दस्तावेज

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PRAYAGRAJ: इलाहाबाद म्यूजियम में बन रही देश की पहली आजाद गैलरी के इतिहास में स्वतंत्रता संग्राम के दौर का एक स्वर्णिम अध्याय जुड़ गया है. गैलरी तैयार होने की प्रक्रिया चल रही है. इस बीच एक ऐतिहासिक दस्तावेज म्यूजियम को मिल चुका है. यह दस्तावेज है काकोरी कांड के प्रमुख अभियुक्त विष्णु शरण दुबलिश का लेटर. इसे म्यूजियम के निदेशक डॉ. सुनील कुमार गुप्ता के निर्देश पर मेरठ से लाया गया है.

गवर्नर ने की थी अपील
प्रदेश के गवर्नर रामनाइक इलाहाबाद म्यूजियम समिति के अध्यक्ष भी हैं. गवर्नर रामनाईक ने म्यूजियम में बन रही आजाद गैलरी के लिए जनमानस से स्वेच्छा से ऐतिहासिक दस्तावेजों को दान करने की अपील की थी. इस अपील का असर रहा कि मेरठ कॉलेज के प्रो. केडी शर्मा ने म्यूजियम के निर्देशक डॉ. गुप्ता से संपर्क किया था. इसके बाद म्यूजियम के डिप्टी क्यूरेटर डॉ. ओंकार वानखेड़े ने मेरठ जाकर प्रो. शर्मा से मुलाकात की तो प्रो. शर्मा ने उन्हें काकोरी कांड में अभियुक्त रहे विष्णु शरण दुबलिश का वह ऐतिहासिक लेटर दिया, जिसे दुबलिश ने एक नवंबर 1937 को अंडमान जेल से छूटने के बाद लिखा था.

तीस दिन में मिलेंगे और दस्तावेज
म्यूजियम के डिप्टी क्यूरेटर वानखेड़े ऐतिहासिक दस्तावेजों के संग्रह में जुटे हुए हैं. इसी कड़ी में उन्होंने महाराष्ट्र के केसरी मराठा ट्रस्ट और वीर सावरकर ट्रस्ट के पदाधिकारियों से मार्च के पहले सप्ताह में ऐतिहासिक दस्तावेजों के लिए संपर्क किया था. जिससे कि स्वतंत्रता संग्राम के दौर में सशस्त्र क्रांति के वाह कों में से एक राजगुरु और वीर सावरकर से संबंधित दस्तावेजों को आजाद गैलरी में रखने के लिए लाया जा सके. वानखेड़े की मानें तो अप्रैल में दोनों ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने दस्तावेज दान करने का आश्वासन दिया है.

महत्वपूर्ण तथ्य

08 करोड़ की लागत से इलाहाबाद म्यूजियम में पहली आजाद गैलरी का निर्माण कार्य चल रहा है.

06 हजार स्कवायर फीट जमीन में बनाया जा रहा है इसे म्यूजियम के सेंट्रल हॉल में.

15 अगस्त को इस म्यूजियम को देश को समर्पित करने की योजना बनाई गई है.

समिति के अध्यक्ष की अपील पर आजाद गैलरी के लिए ऐतिहासिक दस्तावेजों को दान करने की अपील की गई थी. इसके तहत काकोरी कांड के अभियु्रक्तों में से एक विष्णु जी का लेटर हमें सबसे पहले मिला है. क्रांतिकारियों के ऐसे ही कई दस्तावेजों की जानकारियां प्राप्त हुई हैं. ऐसे लोगों से संपर्क किया गया है. जल्द ही म्यूजियम को कई ऐतिहासिक लेटर व आंदोलनों से संबंधित दस्तावेज प्राप्त हो जाएंगे.
-डॉ. सुनील कुमार गुप्ता, निदेशक इलाहाबाद म्यूजियम