-पत्नी से परेशान पतियों के जीवन को मंचन से दर्शाया

PRAYAGRAJ: रूपकथा इलाहाबाद द्वारा आयोजित 32वें राष्ट्रीय नाट्योत्सव के दूसरे दिन नाटक अधरा माधुरी का मंचन किया गया। रवींद्रालय में आयोजित नाटक की निर्देशिका सीमा मुखोपाध्याय रहीं। नाट्योत्सव में बंगाली सोशल एंड कल्चरल एसोसिएशन सहयोगी की भूमिका में हैं। नाटक की कथा दो ऐसे शख्स के चारों ओर घूमती है जो अपनी-अपनी पत्नी की बर्ताव से परेशान हैं। बाद में पता चलता है कि अपनी इस हालत के लिए वह स्वयं जिम्मेदार हैं।

रेस्त्रां के मालिक-मालकिन ने निभाई अहम भूमिका

मंचन की शुरुआत में ऐसे शख्स को दिखाया गया जो अपनी पत्नी से बहुत पीडि़त था। पत्नी द्वारा परेशान और तंग किए जाने से वह शख्स खुद को पेचीदा सा महसूस करता था। उसे लगता था कि किसी तरह से बीवी को सबक सिखाना चाहिए। एक रेस्टोरेंट में उसकी ऐसे व्यक्ति से मुलाकात होती है जो स्वयं अपनी पत्नी से परेशान है। दोनों मिलकर पत्नी को सबक सिखाने का फैसला करते हैं। उनके इस वार्तालाप को रेस्टोरेंट के मालिक व मालकिन सुन लेते हैं। यह उनके जीवन में अहम भूमिका निभाते हैं। बाद में दर्शकों को नाटक के जरिए बताया जाता है कि बाहर की दुनिया में रहकर कभी भी घर के भीतर के आनंद को नहीं भूलना चाहिए। जिससे आगे चलकर भीतर के माहौल को संभालना मुश्किल हो जाए।