-इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के सेंटर ऑफ फैशन डिजाइन में आयोजित हुई कपड़ों व आभूषणों की प्रदर्शनी

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PRAYAGRAJ: फैशन इंड्रस्ट्री में तेजी से परिवर्तन हो रहा है। इंड्रस्ट्री से जुड़े लोग लगातार नए प्रयोग कर रहे हैं। ऐसे में जरूरी है कि इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के फैशन डिजाइन एंड टेक्नोलॉजी के स्टूडेंट्स भी खुद को इस दौड़ में शामिल करने के लिए तैयार करें। यह बातें सोमवार को सेंटर आफ फैशन डिजाइन में आयोजित प्रदर्शनी के उद्घाटन के मौके पर ज्वॉइंट कमिश्नर इंड्रस्ट्रीज सुधांशु तिवारी ने कही। फोकलोर शीर्षक से लगी प्रदर्शनी में मुख्य रूप से मधुबनी चित्रकला की कार्यशाला के दौरान बनाए गए वस्त्रों, आभूषणों तथा अन्य कलाकृतियों को प्रदर्शित किया गया है।

लोक कलाओं से जुड़ी आकृतियां बढ़ाती है आकर्षण

प्रदर्शनी के मौके पर दृश्य कला विभाग के एचओडी प्रो। अजय जेटली ने कहा कि लोक कलाओं से जुड़ी हुई कृतियां न केवल आकर्षित करती है, बल्कि कलाओं के प्रति जागरूकता भी बढ़ाती है। इंस्टीट्यूट ऑफ प्रोफेशन स्ट्डीज की डायरेक्टर प्रो। नीलम यादव ने कहा कि इस तरह की प्रदर्शनी के आयोजन का मुख्य उद्देश्य स्टूडेंट्स में बिजनेस की क्षमता का विकास करना है। इसके साथ ही स्टूडेंट्स को भी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने का मौका मिलता है। सेंटर मैनेजर मिताली ने बताया कि प्रदर्शनी में मधुबनी कला के साथ-साथ महाराष्ट्र की वर्ली कला, उड़ीसा की सौरा कला और मध्य प्रदेश की गौड़ कला से जुड़ी कृतियां प्रदर्शित की गई। इस मौके पर सेंटर ऑफ मीडिया स्टडीज के कोर्स कोआर्डिनेटर डॉ। धनंजय चोपड़ा सहित सेंटर की डॉ। सृष्टि पुरवार, आशीष श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे।