सर्वे कंपनी की लापरवाही के चलते नगर निगम के पास नहीं है पटरी दुकानदारों के आधार और बैंक की डिटेल

13,800 पटरी दुकानदार होने की संभावना, सभी के खाते में ट्रांसफर के लिए आ चुका है पैसा

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PRAYAGRAJ: कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए देशभर में लॉकडाउन है। इसके चलते रोज कमाने-खाने वालों के सामने बड़ा संकट आ गया है। इसमें पटरी दुकानदार भी शामिल हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ ने ठेले, खोमचे और विकली बाजार लगाने वालों के खाते में एक-एक हजार रुपए भेजने का आदेश दिया है। यह धनराशि नगर निगम को भेज भी दी गई है। इसके बावजूद शहर में रजिस्टर्ड 13,800 पटरी दुकानदारों के अकाउंट में यह रकम नहीं पहुंच सकी है।

खोजे नहीं मिल रहे पटरी दुकानदार

मुख्यमंत्री का आदेश जारी हो चुका है। नगर निगम के पास पैसा आ चुका है। शासन का आदेश है कि जल्द से जल्द प्रभावित लोगों के अकाउंट में पैसे भेज दिए जाएं। लेकिन नगर निगम के अधिकारी व कर्मचारी पंजीकृत पटरी दुकानदारों की डिटेल कलेक्ट करने के लिए भटक रहे हैं। जोनल अधिकारियों, कर्मचारियों, डूडा के अधिकारियों, ट्रेड यूनियनों की भी मदद ली जा रही है। काफी मशक्कत के बाद करीब तीन से साढ़े तीन हजार पटरी दुकानदारों की डिटेल हासिल की जा सकी है।

कंपनी ने नहीं अपडेट की डिटेल

80,000 से अधिक है शहर में पटरी दुकानदारों की कुल संख्या

2016 में शहर के पटरी दुकानदारों का जीपीएस और बायोमैट्रिक सर्वे शुरू हुआ था।

इसका जिम्मा इंफोटेक लिमिटेड कंपनी को दिया गया था।

कंपनी द्वारा पटरी दुकानदारों का सर्वे कर सभी पटरी दुकानदारों का आधार लिंक, बैंक पासबुक के साथ ही अन्य डिटेल भी सबमिट करनी थी।

लेकिन कंपनी ने 13,800 पटरी दुकानदारों का सर्वे कर केवल उनका नाम, दुकान का एड्रेस और मोबाइल नंबर ही लिस्ट में अपडेट किया।

अगर सभी 13,800 पटरी दुकानदारों की डिटेल होती तो इस क्राइसिस के दौर में उनकी हेल्प हो जाती। फिलहाल सबकुछ बंद है और पटरी दुकानदार खाने को मोहताज हैं।

-रविशंकर द्विवेदी

प्रदेश महामंत्री, आजाद स्ट्रीट वेंडर यूनियन

पटरी दुकानदारों के अकाउंट में एक-एक हजार रुपए भेजने के लिए डिटेल मंगाई जा रही है। दो साल सर्वे के बाद भी डिटेल सबमिट न करने वाली कंपनी का पेमेंट रोका जा चुका है। फिलहाल पूरा प्रयास है कि जल्द से जल्द पटरी दुकानदारों के खाते में मदद राशि भेज दी जाए।

-रवि रंजन

नगर आयुक्त, नगर निगम