-घरों से निकले लोग बॉर्डर्स पर हो गए हैं पूरी तरह से 'लॉक'
-ऐसे हो रही है पूछताछ, जैसे आ गया हो कोरोना पेशेंट
क्कक्त्रन्ङ्घन्द्दक्त्रन्छ्व: कोरोना वायरस के प्रकोप से बचाव के लिए लॉकडाउन घोषित कर दिया गया है। इसके तहत सोमवार रात से जिले की सभी सीमाएं सील रहीं। हंडिया, सोरांव, नवाबगंज, घूरपुर और बमरौली पर नाके लगाकर गैरजरूरी रूप से बॉर्डर पर एंट्री से रोक दिया गया। इस दौरान बॉर्डर्स आने वाले व्यक्तियों को ऐसे ट्रीट किया जा रहा है, जैसे वह कोरोना पेशेंट हैं।
कोरोना हुआ है क्या?
-बिहार के सासाराम के रहने वाले शयसे थॉमस बीते दिनों झूंसी के अंदावा चौराहे पर पहुंचे।
-वह सासाराम स्थित एनएचआई कंपनी में काम करते हैं और मूलरूप से मध्यप्रदेश के सतना के रहने वाले हैं।
-लॉकडाउन होने के कारण कंपनी का काम बंद चल रहा है तो उन्होंने सोचा कि घर ही निकल लिया जाए।
- सोमवार को वह एनएचआई कंपनी की गाड़ी से निकले। सब जगह परिचय बताते हुए किसी तरह देर रात झूंसी के अंदावा चौराहे पहुंचे।
-यहां बॉर्डर्स पर बैरिकेडिंग थी। पुलिस ने उन्हें रोका। इस दौरान उनसे ऐसे बर्ताव किया गया जैसे वह कोरोना पेशेंट हों।
पुलिसकर्मी व शयसे थॉमस की बातचीत
पुलिसकर्मी: तुमको कोरोना हुआ है क्या, जो भागकर बिहार से यहां आए हो?
शयसे थॉमस: नहीं सर, सतना अपने घर जा रहा हूं।
पुलिसकर्मी: फिटनेस सर्टिफिकेट दिखाओ।
शयसे थॉमस: सर्टिफिकेट तो नहीं हैं सर।
पुलिसकर्मी: पक्का तुम्हें कोरोना ही हुआ है।
शयसे थॉमस: सर एनएचआई कंपनी में जॉब करता हूं?
पुलिसकर्मी: कहीं भी जॉब करते हो। नहीं जा सकते हो। दूर से बात करो और कोई चीज टच न करो।
शयसे थॉमस: रात में कहां जाऊंगा?
पुलिसकर्मी: वापस लौट जाओ और डॉक्टर फिटनेस सर्टिफिकेट लेकर आओ।
इसके बाद क्या हुआ
इसके बाद शयसे थॉमस ने किसी तरह अपने किसी जानने वाले से कांटैक्ट किया और मदद मांगी। उन्होंने अपने जानकार को झूंसी चौराहे पर भेजा। उन्हें लेकर वह सिविल लाइंस स्थित हाई कोर्ट के पास पहुंचा। सिविल लाइंस में किसी भी होटल में रूम ना मिलने से रातभर परेशान रहा। किसी तरह एक होटल में बड़ी मशक्कत से रूम मिला और शयसे थॉमस को वहां शिफ्ट कराया।
आज से पुलिस के तेवर और भी होंगे कड़े
मंगलवार से पुलिस के तेवर और भी कड़े होने जा रहे हैं। पुलिस अधिकारियों की ओर से कड़े निर्देश मिलने के बाद नाके पर तैनात पुलिस ने वाहन चालकों पर सख्ती बरतने शुरू कर दी है। इसके बाद पुलिस ने बस अड्डों व बॉर्डर एकत्रित लोगों को वहां से चले जाने की सलाह दी।
बिना किसी काम के बाहर निकलने वालों पर महामारी अधिनियम आईपीसी की धाराओं में मुकदमा दर्ज होगा। जिनको जरूरी काम है सिर्फ वही बाहर निकलें। बाहरी लोगों की सिटी में एंट्री पर पूरी तरह से रोक है। इसमें हर किसी को सहयोग करना चाहिए।
-प्रेमप्रकाश, एडीजी जोन