-एग्जाम सेंटर्स पर प्रॉपर नेटवर्क न होने से निगरानी में आ रही है मुश्किल

-डीआईओएस ऑफिस पर तैनात टीम को करनी पड़ रही है मशक्कत

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PRAYAGRAJ: यूपी बोर्ड एग्जाम्स की निगरानी के लिए इस बार ऑनलाइन मॉनीटरिंग को सबसे ज्यादा तवज्जो दी गई। बोर्ड का दावा था कि सीसीटीवी और वॉयस रिकॉर्डर के जरिए एग्जाम में नकल पर पूरी तरह से रोक लगाई जा सकेगी। इसके लिए लंबा-चौड़ा तामझाम भी किया गया। टेक्निकल सपोर्ट के लिए मैनपावर हायर किया गया। लेकिन यह व्यवस्था बहुत कारगर साबित होती नजर नहीं आ रही है। इसकी वजह है नेटवर्क में प्रॉब्लम। सभी एग्जाम सेंटर्स पर नेटवर्क प्रॉपर नहीं है। इसके चलते डीआईओएस ऑफिस में बने कंट्रोल रूम से इनकी निगरानी में मुश्किल आ रही है।

केमिस्ट्री एग्जाम में दिखी मिस्ट्री

डीआईओएस ऑफिस में बनाए गए कंट्रोल रूम में सोमवार को इंटरमीडिएट की रसायन विज्ञान की परीक्षा के दौरान मॉनीटरिंग का नजारा देखने लायक रहा। कादिलपुर के सुभाष चन्द्र बोस इंटर कॉलेज के केन्द्र पर गड़बड़ी की सूचना मिली। इसके बाद जब स्कूल को कनेक्ट करने का प्रयास शुरू हुआ तो स्कूल ऑफलाइन शो कर रहा था। अधिकारियों ने तत्काल फोन करके स्कूल के डिसकनेक्ट होने का कारण पूछा तो स्कूल ने बताया कि हमने तो सब ठीक रखा है। नेटवर्क में इश्यू है। करीब आधा घंटा बाद स्कूल के सीसीटीवी कैमरे कनेक्ट हो सके। कुछ ऐसा ही हाल कई अन्य स्कूलों का भी रहा। ऐसे में ऑनलाइन मानिटरिंग को लेकर की गई तैयारी भी सवालों के घेरे में आने लगी है।

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परीक्षा की शुचिता पर भी संशय

-यूपी बोर्ड की तरफ से कहा गया था कि वेबकास्टिंग के जरिए सीसीटीवी से होने वाली मॉनीटरिंग काफी भरोसेमंद रहेगी।

-लेकिन मौजूदा नेटवर्क की दिक्कत ने केन्द्रों पर परीक्षा की शुचिता को लेकर भी संशय खड़ा कर दिया है।

-ऐसे में अगर स्कूल जानबूझकर अपना सीसीटीवी का सेटअप बंद कर दे और नकल कराएं तो उसके बारे में कैसे जानकारी होगी?

-अधिकारियों के पूछने के बाद नेटवर्क की दिक्कत सबसे आसान वजह बनेगी। अधिकारी भी नेटवर्क के आगे कुछ भी कहने की स्थिति में नहीं हैं।

कुछ जगहों से टेक्निकल प्रॉब्लम आ रही है। हम इस प्रॉब्लम को सॉल्व करने में लगे हुए हैं। उम्मीद है कि आने वाले एग्जाम्स में फिर से यह समस्या नहीं आएगी।

-डीआईओएस

आरएन विश्वकर्मा