चौदह हजार रुपये वसूल किया जाएगा जुर्माना, एक को कोर्ट ने किया दोषमुक्त

PRAYAGRAJ: बसपा सरकार में आबकारी मंत्री रहे हीरालाल गौतम व सह अभियुक्त शिव कुमार एवं इंद्रभान उर्फ इंदू को हत्या के मामले में कोर्ट ने आजीवन कारावास से दंडित किया है। यह फैसला एमपी एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश डॉ। बालमुकुंद ने सुनाया है। तीनों पर जुर्माना भी लगाया गया है। कोर्ट ने कहा है कि तीनों को आजमगढ़ जेल में सजा भुगतना पड़ेगा।

आजमगढ़ जिले से जुड़ा है केस

कोर्ट को सुनवाई के दौरान प्राप्त साक्ष्य में सह अभियुक्त बनाए गए रोशन लाल के विरुद्ध हत्या व आयुध अधिनियम के जुर्म में पर्याप्त साक्ष्य न मिलने पर दोष मुक्त घोषित किया गया। मामले में अभियुक्त शिव कुमार आजमगढ़ जेल में बंद था। हीरालाल गौतम व इंद्रभान उर्फ इंदू जमानत पर छूटे थे। आजमगढ़ के थाना सरायमीर में 26 नवंबर 2010 को लालता प्रसाद पुत्र रज्जू पासवान निवासी कमालपुर ने दर्ज करवाया था। कहा था कि उसका भाई फौजदार पासवान व महेंद्र पुत्र बलेश्वर बाइक से सवा दस बजे सुबह सरायमीर बाजार जा रहा था। जैसे ही सरायमीर नवाबरोड पर इसरौली हरिजन बस्ती के पास पहुंचे कि पीछे से बाइक सवार अभियुक्तों ने ललकारते कहा कि आज फौजरवा की राजनीतिक उन्माद को मिटा दो और फायरिंग कर फौजदार की हत्या कर दी गई। थाना सरायमीर की पुलिस ने रपट दर्ज कर विवेचना के बाद आरो पत्र कोर्ट में पेश किया। मामले की सुनवाई एमपी एमएलए कोर्ट ने किया।

अधिवक्ताओं ने की बहस

जिला शासकीय अधिवक्ता गुलाबचंद्र अग्रहरि ने मामले में विशेष टीम सहायक शासकीय अधिवक्ता राजेश गुप्ता, जयगोविन्द उपाध्याय व्यक्तिगत अधिवक्ता अविनाशचंद्र आदि को केस की पैरवी में लगाकर आठ गवाह पेश कर आरोप साबित किया। बचाव पक्ष ने अभियोजन गवाहों से जिरह की कार्यवाही किया। कोर्ट को अवगत कराया कि राजनैतिक द्वेष में आरोपितों को मुकदमें में फंसाया गया है। अभियोजन की ओर से बचाव पक्ष के तर्क का खण्डन करते हुए कहा गया कि विधान बनाने वाले ही यदि विधान तोड़े हैं तो आम जनता पर अंकुश नहीं लगाया जा सकता। कानून की निगाह में सभी एक हैं। कानून उन्हें वीआईपी होने का लाभ नहीं दे सकता। अधिक से अधिक सजा दी जाय। कोर्ट ने तर्को को सुनने के बाद अभियुक्तों को उपरोक्त सजा से दंडित किया।

परिवार को कोर्ट ने दी क्षतिपूर्ति

विशेष कोर्ट एमपी एमएलए ने अपने चालीस पन्नों के निर्णय में आदेश दिया है कि अभियुक्तों के द्वारा दी गई जुर्माने की धनराशि में से 90 प्रतिशत भाग मृतक की पत्‍‌नी व बच्चों को क्षतिपूर्ति के रूप में देय होगा।