- पुराछात्रों ने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के हालात पर जताई गहरी चिंता

- केपी कम्यूनिटी सेंटर में प्रयाग पर्व का हुआ शानदार आयोजन

ALLAHABAD: नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैकिंग फ्रेमवर्क की ओर से जारी रैकिंग में इलाहाबाद यूनिवर्सिटी का स्थान 68वें स्थान पर है। ये बेहद चिंता का विषय है। पूरब के आक्सफोर्ड की गरिमा के हिसाब से उसे प्रथम पांचवे स्थान पर होना चाहिए। ये बातें रविवार को केपी कम्यूनिटी सेंटर में आयोजित इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के पुराछात्र सम्मेलन प्रयाग पर्व के दौरान मुख्य अतिथि लोकसभा के पूर्व महासचिव योगेन्द्र नारायण ने कही। उन्होंने कहा कि इससे सबक लेकर आगे बढ़ने की जरूरत है। उन्होंने इविवि में पठन पाठन के माहौल को पुनर्जीवित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। अध्यक्षता कर रहे संविधान विशेषज्ञ व इविवि के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष सुभाष चंद्र कश्यप ने कहा कि इविवि में हर विचारधारा का सम्मान हो, परंतु राजनीति का अड्डा न बनाया जाए। उन्होंने इस विषय पर गहरी चिंता भी जाहिर की।

15 सालों तक जमे रहते हैं छात्र

कार्यक्रम के दौरान यूनिवर्सिटी की मौजूदा स्थिति पर चिंता जाहिर करते हुए संविधान विशेषज्ञ सुभाष चंद्र कश्यप ने कहा कि छात्रावासों में देखा जाता है कि 15-20 साल तक किसी न किसी कोर्स में प्रवेश लेकर छात्र जमे रहते हैं। यह परंपरा खत्म होनी चाहिए। छात्र-शिक्षक मिलकर आगे बढ़ें, जहां सहयोग की जरूरत होगी वहां हम लोग साथ में खड़े रहेंगे। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव सांसद जनार्दन द्विवेदी ने कहा कि इविवि की वर्तमान दशा दयनीय है, परंतु उससे चिंतित होकर बैठने की जरूरत नहीं है। हमें इविवि की ज्ञान, संस्कृति व परंपरा को बचाना है। यह काम हम पूर्ण करेंगे इसके प्रति आश्वस्त हूं। सांसद डीपी त्रिपाठी ने आजादी व जेपी आंदोलन का जिक्र करते हुए कहा कि हमारा अतीत गौरवपूर्ण है। भविष्य उज्ज्वल करने के साथ ही जरूरत है सही दिशा में आगे बढ़ने की। प्रो। जनक पांडेय ने इविवि के गौरवपूर्ण इतिहास पर विस्तार से प्रकाश डाला। इस अवसर पर यूपीआरटीओयू के कुलपति प्रो। एमपी दुबे ने कहा कि शिक्षक समय के साथ स्वयं को बदलें, फैकल्टी को बेहतर बनाया जाए। पूर्व कुलपति प्रो। आरपी मिश्र ने विषय प्रवर्तन किया।

इविवि की हालत गंगा जैसी

इसके पहले कार्यक्रम में ' इलाहाबाद विश्वविद्यालय के लोगों का समागम' नामक कार्यक्रम में इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो। रतनलाल हांगलू ने इविवि की तुलना गंगा से की। उन्होंने कहा कि मानव को मोक्ष देने वाली मां गंगा जैसे दूषित हैं, उसी प्रकार ज्ञान के मंदिर इविवि की व्यवस्था भी खराब है। दशा व दिशा ठीक करने को कई फिल्टर लगाने होंगे जो मैं कर रहा हूं। जल्द बदलाव नजर आएगा। हालत नहीं सुधार सका तो पद छोड़ना श्रेयस्कर समझूंगा। साथ ही कहा कि मैं हार मारने वालों में नहीं हूं। यहां की दशा व दिशा सुधार कर ही दम लूंगा।

चुनौतियों पर हुई चर्चा

प्रयाग पर्व कार्यक्रम के दूसरे सत्र में 'प्रजातंत्र के समक्ष चुनौतियां एवं न्यायपालिका' विषयक संगोष्ठी हुई। इसमें केरल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अशोक भूषण ने इविवि की वर्तमान दशा पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि सामूहिक सुझाव पर सार्थक कदम उठाने की जरूरत है। न्यायमूर्ति अरुण टंडन ने रोजगार पाने के लिए परंपरागत की जगह व्यवसाय परक शिक्षा देने पर जोर दिया। आइजी आरके चतुर्वेदी ने हर पुरा छात्र को इविवि के हित में सहयोग करने की अपील की। इसके बाद पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष श्यामकृष्ण पांडेय, विनोद चंद्र दुबे, डॉ। राकेशधर त्रिपाठी, लक्ष्मीशंकर ओझा, संजय तिवारी, वर्तमान अध्यक्ष ऋचा सिंह ने विचार व्यक्त किए। समारोह का संयोजन रामजी पांडेय, कृपाशंकर उपाध्याय, रामाधीन सिंह ने किया। इस दौरान प्रो। जटाशंकर, प्रो। एनके शुक्ल, डॉ। ज्योति मिश्रा मौजूद रहे।