एयू एडमिनिस्ट्रेशन से वार्ता के बाद भी छात्रसंघ बहाली की मांग पर अड़े रहे छात्र नेता

pryagraj: इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी में छात्रसंघ बहाली को लेकर शनिवार को भी छात्रनेताओं का अमरण अनशन जारी रहा। सैटर डे को ही डिस्ट्रिक एवं पुलिस एडमिनिस्ट्रेशन की मौजूदगी में इलाहाबाद यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन के मेम्बर्स ने वार्ता की। इस दौरान छात्रनेताओं को आमरण अनशन छोड़कर छात्र परिषद के गठन में सहयोग करने को लेकर मान मनौव्ल किया गया। पर, छात्र नेताओं ने एयू के रिक्वेस्ट को नकारते हुए आमरण अनशन जारी रखने का फैसला लिया।

कैम्पस में जारी है आमरण अनशन

छात्रसंघ बहाली के लिए नौ छात्र नेताओं ने 23 सितम्बर से आमरण अनशन शुरू किया था। कुछ दिन पूर्व दो छात्र नेताओं की तबियत खराब हो गई थी और दोनों को अस्पताल में एडमिट कराया गया था। फ्राइडे को छात्रसंघ के पूर्व महामंत्री शिवम सिंह को बेली हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया था। इतने के बाद भी अनशनकारी झुकने के मूड में नहीं हैं। छात्रनेताओं ने डिस्ट्रिक, पुलिस एवं एयू एडमिनिस्ट्रेशन के साथ वार्ता के दौरान कहा कि गांधीवादी तरीके से चल रहे आमरण अनशन को एयू प्रशासन हमारी कमजोरी न समझे। हम शहीद चंद्रशेखर आजाद एवं नेता जी सुभाष चंद्र बोस के तरीके से भी अपनी मांग को लेकर आंदोलन कर सकते हैं।

छात्र परिषद के गठन से नहीं होगा नुकसान

अनशनरत छात्रों से एयू के मेम्बर्स ने मीटिंग की। इस दौरान छात्रनेता शिव सिंह, भूपेंद्र यादव, आदिल हमजा, आशीष गुप्ता, सुशील कुशवाहा एवं जितेंद्र धनराम आदि मौजूद रहे। इस दौरान चीफ प्रॉक्टर राम सेवक दुबे एवं डीएसडब्ल्यू हर्ष कुमार ने इन छात्रनेताओं को समझाया कि छात्र परिषद के गठन से किसी भी दशा में छात्रहित प्रभावित नहीं होगा। छात्र परिषद के माध्यम से बनने वाली कार्यकारिणी किसी भी दशा में पूर्व की छात्रसंघ कार्यकारिणी से कम अधिकारी सम्पन्न नहीं होगी इसके बाद भी अनशनकारी नहीं माने।

मैं छात्र राजनीति का विरोधी नहीं हूँ। विगत कुछ महीनों में विश्वविद्यालय परिसर, कॉलेज और छात्रावासों में आपराधिक गतिविधियों से वातावरण काफी दूषित हुआ है। अनशनरत छात्रों से अपील है कि अनशन खत्म करके छात्रपरिषद चुनाव के क्त्रियान्वयन में सहयोग करें। हम सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्वीकृत लिंगदोह समिति की सिफारिशों को नजरअंदाज नहीं कर सकते।

प्रो रतन लाल हांगलू

कुलपति, इविवि