प्रयागराज (आईएएनएस)। इलाहाबाद विश्वविद्यालय (एयू) के प्रोफेसर शाहित और 16 विदेशी नागरिकों सहित 29 अन्य को यात्रा को ट्रैवेल हिस्ट्री छुपाने के तहत गिरफ्तार किया गया है। प्रयगराज में सोमवार रात गिरफ्तार किए गए लोगों में इंडोनेशिया के सात, थाईलैंड के नौ लाेग हैं। इसके अलावा केरल और बंगाल के भी दो शख्स हैं। इसके अलावा शाहगंज में अब्दुल्ला मस्जिद और करेली में हेरा मस्जिद के केयरटेकर की भी गिरफ्तारी हुई है। गिरफ्तार किए गए सभी लोगों को पहले क्वाॅरंटीन किया गया है। क्वाॅरंटीन पीरियड खत्म होने के बाद उनसे पूछताछ की जाएगी।

प्रयागराज में प्रोफेसर ने जमातियों के रहने की भी उचित व्यवस्था की थी

एयू के प्रोफेसर शाहिद कुछ लोगों के साथ दिल्ली में तब्लीगी जमात की बैठक में शामिल हुए थे और यहां तक कि प्रयागराज में उन्होंने अन्य जमाती के रहने की व्यवस्था भी की थी। प्रोफेसर ने पुलिस को दिल्ली में मरकज में अपनी उपस्थिति के बारे में सूचित नहीं किया। प्रोफेसर 9 अप्रैल से करेली क्षेत्र में एक गेस्ट हाउस में अपने परिवार के साथ क्वाॅरंटीन है। पुलिस से ट्रैवेल हिस्ट्री छुपाने के चलते शिवकुटी पुलिस स्टेशन में प्राेफेसर के खिलाफ एक प्राथमिकी भी दर्ज की है। प्रोफेसर पर महामारी रोग अधिनियम, 1897 के तहत धारा 269, 270 और 271 लगाई गई है।

6 से 10 मार्च तक निजामुद्दीन मरकज में तब्लीगी जमात में भाग लिया था

पुलिस के अनुसार, प्रोफेसर शहर के रसूलाबाद इलाके का निवासी है और कुछ महीने पहले इथियोपिया भी गया था।जब वह नई दिल्ली लौटा तो 6 से 10 मार्च तक निजामुद्दीन मरकज में तब्लीगी जमात में भाग लिया। वह 11 मार्च को वापस इलाहाबाद आया और 12-16 मार्च को वार्षिक परीक्षाओं के दौरान उसे अन्वेषक की ड्यूटी सौंपी गई। वह एक परीक्षा हॉल में ड्यूटी पर था, जहां लगभग 150 छात्र परीक्षा दे रहे थे।जानकारी मिलने पर, एसपी (शहर) बृजेश कुमार श्रीवास्तव और उनकी टीम प्रोफेसर के घर पहुंची। ट्रैवेल हिस्ट्री की पुष्टि के बाद फैमिली समेत करेली के एक गेस्ट हाउस ले जाया गया।

प्रोफेसर के संपर्क में स्टूडेंट व यूनिवर्सिटी के अन्य मेंबर्स की हो रही पहचान

यहां मेडिकल टीम ने प्रोफेसर व फैमिली को क्वाॅरंटीन करने के साथ ही सैंपल लिए। एसएसपी (प्रयागराज) सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज साई के मुताबिक हम उन छात्रों और संकाय सदस्यों की पहचान कर रहे हैं जो प्रोफेसर के संपर्क में आए थे। हम प्रोफेसर के परिवार के अन्य सदस्यों और उन लोगों से भी संपर्क करेंगे, जो दिल्ली से लौटने के बाद उनसे मिले थे। खबरों के मुताबिक, प्रोफेसर लंबे समय तक तब्लीगी जमात से जुड़े रहे और संगठन के कई उच्च पदों पर रहते हुए कई देशों का दौरा किया।

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