-पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष ऋचा सिंह ने उठाए हैं सवाल

ALLAHABAD: इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो। रतन लाल हांगलू को क्लीनचिट मिलने के बाद कई सवाल खड़े हो रहे हैं। विवि की पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष एवं सपा की राष्ट्रीय प्रवक्ता ऋचा सिंह ने कहा है कि वीसी प्रकरण में उनकी मांग राष्ट्रपति और एमएचआरडी से संस्तुति के आधार पर जांच की है न कि कार्यवाहक कुलपति द्वारा गठित फैक्ट फाइंडिंग कमेटी से। ऋचा का कहना है कि रिपोर्ट पढ़कर आन्दोलन में शामिल लोगों का संदेह पुख्ता हो गया है कि यह कमेटी जो पहले उच्च स्तरीय जांच समिति थी वह बाद में फैक्ट फाइंडिंग कमेटी में बदल गई। जिसका असली नाम क्लीन चिट समिति लगता है। कहा है कि रिपोर्ट पढ़कर लगा कि समिति ने पहले ही तय कर रखा था कि कुलपति को क्लीन चिट देनी है।

चैटिंग की क्यों नहीं हो सकती जांच

ऋचा का कहना है कि वीसी प्रकरण में शामिल महिला को इलाहाबाद बुलाकर व्यक्तिगत रूप से बयान दर्ज करवाना जरूरी क्यों नहीं समझा गया? उन्होंने एक बार फिर एसएस खन्ना डिग्री कॉलेज के प्रबंध तंत्र में शामिल जस्टिस अरुण टंडन को जांच सौंपे जाने पर अपनी आपत्ति की है। इसी मुद्दे पर पूर्व में कॉलेज के प्रबंध तंत्र की चेयरमैन प्रो। रंजना कक्कड़ ने इस्तीफा दिया था। ऋचा का कहना है कि जस्टिस टंडन को कथित महिला के फोन नम्बर से आए मैसेज को सही मान लिया गया तो फिर कुलपति के नम्बर से की गई चैटिंग और वार्ता को किस आधार पर नकार दिया गया ?

उनकी सहमति, हमारी असहमति

ऋचा ने पूरी रिपोर्ट को छलावा बताते हुए कहा है कि कुलपति द्वारा पद के दुरुपयोग मामले पर अभी तक खुद सामने आकर कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया है। कहा है कि विवि प्रशासन द्वारा एक सोची समझी साजिश के तहत इसे कुलपति और कथित महिला की आपसी सहमति का रिश्ता दिखाने की कोशिश की जा रही है जो यह स्पष्ट करती है कि वॉट्सएप चैट और वॉइस रिकॉर्डिंग कुलपति की है। इसमें वह भले ही सामने वाली महिला के साथ सहमति से बात कर रहे हैं पर हमारी असहमति यह है कि कुलपति किसी भी व्यक्ति और महिला को अपने पद का लालच देकर लाभान्वित नहीं कर सकते।

तो बताएं फिर क्या होती है अश्लीलता

ऋचा ने सवाल उठाते हुए कहा है कि कल्याणी विवि के पत्र की जांच और आरोप पर यूनिवर्सिटी मौन क्यों है ? जिसमें कुलपति पर ऐसे ही मामले में पद के दुरुपयोग की बात कही गई है। कुलपति से ही सवाल किया है जो वॉट्सएप में है वो अश्लील नहीं है तो फिर उनकी नजर में अश्लीलता की परिभाषा क्या है?