सर्वे का सवाल: भारत में बाल यौन शोषण एक्ट का क्या नाम है?

-रेप के बाद बच्ची को सुनसान जगह फेंक दिया गया था

PRAYAGRAJ: कहते हैं कि अच्छा पड़ोसी बड़े नसीब से मिलता है। लेकिन जब पड़ोसी ही भरोसे का गला घोंट दे तो फिर क्या कहेंगे। बचा रहे बचपन सिरीज के 13वें दिन पढि़ए एक ऐसे पीडि़त की कहानी, जहां पड़ोसियों ने एक बच्ची के साथ रेप किया। बच्ची को उसके घर से अगवा करने के बाद गलत काम किया और उसे ले जाकर सुनसान जगह पर फेंक दिया। ऐसे में एक मां के दिल पर क्या गुजरी सुनिए उसी की जुबानी

वह मनहूस दिन

हम लोग सिविल लाइंस में रहते हैं। किसी तरह जिंदगी का गुजारा करते हैं। हमारी जिंदगी का वह एक मनहूस दिन था। मेरे पति कहीं बाहर गए हुए थे। मैं भी किसी काम में उलझी हुई थी। मेरी पांच साल की फूल सी बच्ची वहीं खेल रही थी। खेलते-खेलते वह थोड़ी दूर तक चली गई। काम की व्यस्तता में मुझे ख्याल नहीं रहा। अचानक ध्यान पड़ा तो उसे ढूंढने लगी। बहुत देर तक आवाज लगाने के बाद भी वह कहीं नहीं दिखाई दी। मैं बिल्कुल परेशान हो उठी। इसी परेशानी की हालत में मैंने अपने हसबैंड को फोन लगाया। आनन-फानन में वह घर आए।

अंधेरा गहराने लगा था। मेरी घबराहट बढ़ने लगी। हम हसबैंड-वाइफ मिलकर अपनी नन्हीं की जान को ढूंढने लगे। जैसे-जैसे समय बीतते जा रहा था, मेरी जान सूखती जा रही थी। तमाम तरह की आशंकाएं मन में उठने लगीं। ढूंढते-ढूंढते हम एक सुनसान जगह पहुंचे। तभी मेरे कान में बच्ची की कराहने की आवाज पड़ी। हम उस आवाज की दिशा में भागे। वहां का नजारा देख मेरे हाथ-पैर सुन्न हो गए। लगा जैसे मैं बेहोश हो जाऊंगी। मेरी बच्ची वहां लहूलुहान हालत में पड़ी हुई थी।

पुलिस को दी गई थी सूचना

हमारी बच्ची के साथ गलत काम हुआ था। हमने तत्काल इस बात की सूचना 100 नंबर पुलिस को दी। इसके बाद हम लोगों को थाने ले जाया गया। वहां पर पुलिस ने फॉर्मेलिटी पूरी की। इसके बाद पुलिस ने बच्ची को डफरिन अस्पताल ले जाकर भर्ती कराया गया। तब तक मुझे चल चुका था कि इस गलत काम में मेरे पड़ोसी युवक ही इन्वॉल्व थे। मैंने उन युवकों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने उन युवकों को अरेस्ट किया। उस वक्त एसआई अजय मिश्रा और थाने के बाल संरक्षण अधिकारी धीरेंद्र सिंह ने आरोपियों से पूछताछ की। उन लोगों ने घटना में शामिल होने की बात स्वीकार कर ली। इसके बाद उन्हें अभिरक्षा में ले लिया गया। सभी नाबालिग आरोपियों को किशोर न्याय बोर्ड मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया था।

(नोट: घटना के बारे में जानकारी अल कौसर सोसायटी की नाजिया नफीस ने दी है। पहचान छुपाने के लिए नाम और तथ्यों को बदल दिया गया है.)