- यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर ने एक ही दिन में दो जगह के मानदेय के लिए भरा टीए बिल

- दोनों कॉलेजेज ने भी लेटरहेड पर लिखकर दी प्रेजेंस, अकाउंट डिपार्टमेंट ने लगाई आपत्ति

- लाखों तनख्वाह लेने वाले प्रोफेसर की बढ़ी है परेशानी

Gorakhpur@inext.co.in
GORAKHPUR : गोरखपुर यूनिवर्सिटी के बॉटनी डिपार्टमेंट के एक प्रोफेसर सुपर मैन हैं। पलक झपकते ही वह कहीं आ-जा सकते हैं और चंद मिनटों में ही घंटों का काम भी पूरा कर सकते हैं। यकीन नहीं होता तो गोरखपुर यूनिवर्सिटी में पेमेंट के लिए पहुंचे टीए बिल पर एक नजर डाल लीजिए, जिसमें प्रोफेसर साहब ने महज 15 मिनट के डिफरेंस पर दो कॉलेज से एग्जिट दिखाई है और इस दौरान उन्होंने दर्जन भर स्टूडेंट्स का वाइवा भी ले लिया है। मामला तब खुला जब पेमेंट के लिए उनकी फाइल अकाउंट डिपार्टमेंट पहुंची। अब जिम्मेदारों ने इस पर आपत्ति दर्ज कराई है।

एक ही दिन का दो टीए बिल
गोरखपुर यूनिवर्सिटी में टीए बिल लगाने वाले यह प्रोफेसर बॉटनी डिपार्टमेंट के हैं और यहां के हेड भी रह चुके हैं। उन्होंने दिए टीए बिल में 22 मार्च को भगवंत पांडेय पीजी कॉलेज बोदरवार कुशीनगर में बीए फ‌र्स्ट का बॉटनी प्रैक्टिकल लेने के लिए घर से कॉलेज के लिए 7.30 बजे रवानगी दिखाई है, जबकि बाई रोड वह कॉलेज 9 बजे पहुंचे हैं। वहीं शाम सात बजे कॉलेज से निकलकर 8.30 बजे वह घर पहुंच गए हैं। जबकि 22 मार्च का ही उन्होंने दूसरा बिल भी जमा किया है, जिसमें उन्होंने अखिल भाग्य पीजी कॉलेज रानापार में बीएससी फ‌र्स्ट इयर का बॉटनी प्रैक्टिकल लेने के लिए भरा है। इसमें प्रोफेसर साहब ने सुबह 7.45 पर घर छोड़ा है, जबकि बाई रोड वह 9 बजे कॉलेज पहुंचे हैं। वहीं कॉलेज से 7.15 पर निकलकर 8.30 पर घर वापसी दिखाई है।

कॉलेज ने भी दे दिया सर्टिफिकेट
यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर का रौब कितना है यह इन टीए बिल को देखकर आसानी से लगाया जा सकता है। प्रोफेसर के टीए बिल के सपोर्ट में कॉलेजेज ने भी उन्हें सपोर्टिग लेटर इशु कर दिया है। इसमें अखिल भाग्य पीजी कॉलेज रानापार के प्रिंसिपल का सिग्नेचर किया सर्टिफिकेट लगाया गया है, जिसमें उन्होंने यूनिवर्सिटी प्रोफेसर के साथ ही सेंट एंड्रयूज कॉलेज के प्रोफेसर का नाम देते हुए 21 और 22 मार्च को 185 स्टूडेंट्स का वाइवा लिए जाने की बात कही है। वहीं भगवंत पांडेय पीजी कॉलेज बोदरवार कुशीनगर से भी उन्होंने सेम डे का ही सर्टिफिकेट बनवाया है। जिसमें उन्होंने 22 मार्च को ही 72 स्टूडेंट्स का वाइवा होना दिखाया है। दोनों ही कॉलेज ने सर्टिफिकेट देते हुए किसी तरह का टीए और डीए न देने की बात लिखी है।

अकाउंट डिपार्टमेंट ने दर्ज कराई है आपत्ति
प्रोफेसर साहब की इस कारस्तानी की फाइल जब अकाउंट डिपार्टमेंट में पेमेंट के लिए पहुंची तो जिम्मेदारों के होश उड़ गए। एक ही दिन और एक ही समय में दो-दो कॉलेज का प्रैक्टिकल लेने वाले सुपर मैन प्रोफेसर साहब के टीए पर उन्होंने आपत्ति दर्ज कराते हुए फाइल लौटा दी है। यूनिवर्सिटी में जानकारों की मानें तो ऐसे कई मामले आए दिन सामने आते हैं, जिसमें काफी गड़बडि़यां मिलती हैं, लेकिन सिर्फ आपत्ति दर्ज कराकर मामला खत्म हो जाता है और कोई कार्रवाई नहीं होती है।

मामला संज्ञान में नहीं है। अगर ऐसा है, तो बिल्कुल गलत है। वित्तीय अनियमित्ता किसी भी हाल में माफ नहीं की जा सकती है। इसके लिए जो भी दोषी होगा उसकी जांच कराकर विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी।

- बीरेंद्र चौबे, एफओ, डीडीयूजीयू