ALLAHABAD: यूपी बोर्ड की परीक्षाओं के दौरान नकल माफिया हर जुगत लगाने के लिए आखिर तक डटे रहते थे। सबसे बड़ा खेल परीक्षा केन्द्र बनवाने को लेकर होता था। ऐसे में लाख कोशिश के बाद भी बोर्ड परीक्षा के दौरान जमकर नकल होती थी। इससे बचने के लिए इस बार बोर्ड परीक्षा के दौरान सरकारी व एडेड स्कूलों को परीक्षा केन्द्र बनाने पर अधिक जोर दिया जा रहा है। बोर्ड परीक्षा को लेकर जारी परीक्षा नीति में स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि सरकारी व एडेड स्कूलों में व्यवस्थाओं के अनुरूप कम से कम 300 स्टूडेंट्स का आवंटन अनिवार्य रूप से होगा। अभी तक वित्त विहीन स्कूलों को सेंटर बनाने को लेकर कई बार एडेड स्कूलों में 100 से 150 स्टूडेंट्स का ही सेंटर एलॉट होता था। नीति में जारी आदेश के बाद फिलहाल ऐसा करना अब संभव नहीं हो सकेगा।

 

नहीं होता था छात्रों का आवंटन

यूपी बोर्ड परीक्षाओं के दौरान होने वाले खेल में अभी तक कई मामले ऐसे मिलते थे, जहां वित्त विहीन स्कूलों को सेंटर बनाने के लिए बड़ा खेल होता था। इसका असर ये होता था कि व्यवस्थाओं के बाद भी एडेड स्कूलों में कम से कम छात्राओं को ही सेंटर दिया जाता था। वित्त विहीन स्कूलों में छात्राओं की संख्या अधिक होती थी। यही कारण था कि लास्ट इयर तक सूबे में परीक्षा केन्द्रों की संख्या दस हजार से ऊपर होती थी। इस बार शासन की सख्ती का असर अभी से दिखने लगा है। बोर्ड ने संभावित परीक्षा केन्द्रों की संख्या 8 हजार के करीब होने का अनुमान लगाया है। ये लास्ट इयर के मुकाबले काफी कम है। लास्ट इयर बोर्ड परीक्षा को लेकर जिले में बनाए गए केन्द्रों की छात्र आवंटन संख्या पर नजर डाले तो इलाहाबाद इंटर कालेज में कम से कम 600 स्टूडेंट्स के एक साथ बैठकर परीक्षा देने की समुचित व्यवस्था है। इसके बाद भी लास्ट इयर दो से ढाई सौ ही स्टूडेंट्स को परीक्षा केन्द्र के रूप में स्कूल को आवंटित किया गया। एंग्लो बंगाली इंटर कालेज, केपी इंटर कालेज, सीएवी इंटर कालेज में भी बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स के बैठने और परीक्षा देने की व्यवस्था है। इसके बाद भी इन स्कूलों में कम से कम छात्रों को परीक्षा केन्द्र के रूप में आवंटित किया गया था। ग्रामीण एरिया में भी ऐडेड स्कूलों का लास्ट इयर तक ऐसा ही हाल था।

 

 

बोर्ड की ओर से ऐसी व्यवस्था स्वागत योग्य है। इससे नकल माफियाओं पर लगाम लग सकेगी।

सभापति तिवारी

प्रवक्ता, प्रधानाचार्य परिषद व प्रिंसिपल इलाहाबाद इंटर कालेज

 

 

लास्ट इयर तक सेंटर बनाने में बड़ा खेल होता था, इस निर्णय से इस पर लगाम लगने के साथ ही परीक्षा की सुचिता पर भी प्रभाव पड़ेगा.

बृजेश शर्मा

अध्यक्ष, प्रधानाचार्य परिषद व प्रिंसिपल सेवा समिति विद्या मंदिर इंटर कालेज



उपेक्षा के कारण और नकल माफियाओं की मिली भगत से इस प्रकार का कार्य अभी तक होता था। सरकार की पहल का असर बोर्ड परीक्षा पर दिखेगा.

डॉ। शैलेश कुमार पाण्डेय

शिक्षक नेता