रायडू ने कर दी थी ये गलती

11 जनवरी को कर्नाटक और हैदराबाद के बीच सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में रायडू ने अंपायर के एक फैसले पर  नाराजगी जताई थी और अब बीसीसीआइ ने उन्हें उनकी गलती की सजा दे दी है। रायडू ने अपने ऊपर लगे आरोपों को स्वीकार कर लिया है।  

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इस वजह से रायडू ने जताई थी नाराजगी

हैदराबाद के गेंदबाज मोहम्मद सिराज 20वां ओवर कर रहे थे और आखिरी बॉल पर कर्नाटक के बल्लेबाज करुण नायर ने शॉट लगाया। बाउंड्री पर फील्डिंग कर रहे मेहदी हसन ने बॉल को चौका होने से बचा लिया, लेकिन जब रिप्ले में देखा गया तो उनका पैर बॉउंड्री से सट गया था। हालांकि अंपायरों ने इसे पहले दो रन ही करार दिया, लेकिन जब कर्नाटक फील्डिंग करने आती है तो विनय कुमार अंपायरों से इस बात की शिकायत करते हैं और कर्नाटक के टोटल में दो रन अतिरिक्त जोड़ देते हैं। हैदराबाद को यह मैच जीतने के लिए पहले तो 203 रन चाहिए थे, लेकिन अंपायर के फैसले के बाद लक्ष्य 205 का हो जाता है। लेकिन रायडू का कहना था कि अगर ऐसा था तो ये निर्णय पारी समाप्त होने से पहले दिया जाना चाहिए था।

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2 रनों ने ही किया विजेता का फैसला

205 रन का पीछा करने उतरी हैदराबाद की टीम ने निर्धारित 20 ओवर में 203 रन बना दिए। लेकिन मैच खत्म होने के बाद हैदराबाद के कप्तान अंबाती रायडू अपनी टीम के साथ मैदान पर आए और सुपर ओवर करवाने की मांग करने लगे। रायडू का कहना था कि, मुझे भी नियमों के बारे में पता है, अगर अंपायर किसी को आउट देते हैं और वो मैदान के बाहर चला जाता है और उसके बाहर जाने के बाद पता चलता है कि बल्लेबाज़ को गलत आउट दिया गया है, तो क्या उसे वापस बल्लेबाज़ी के लिए बुलाया जाता है? इसके साथ ही रायडू का कहना था कि अगर कोई अंपायर किसी गेंद को नो-बॉल न दे और बाद में पता चले कि वो गेंद नो बॉल थी, तो क्या उसका रन बाद में स्कोर में जोड़ा जाता है? अंपायर अपना फैसला दे चुके थे और वो कर्नाटक को विजेता घोषित कर चुके थे।

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