छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र : भालूबासा चौक के पास रहने वाले मोहन जायसवाल (45 वर्ष) ने सोमवार तड़के अपनी दुकान के सामने लोहे के एंगल में रस्सी के सहारे फंदा बना खुदकशी कर ली। कुछ समय पहले वह मुख्यमंत्री रघुवर दास के विधायक प्रतिनिधि पवन अग्रवाल द्वारा संचालित एंबुलेंस के चालक के रूप में काम करता था, लेकिन फिलहाल अपनी दुकान चला रहा था। बहरहाल, मोहन जायसवाल के खुदकशी करने की घटना की जानकारी परिजनों को उस समय हुई जब हॉकर अखबार देने के लिए सुबह छह बजे उनके आवास पर पहुंचा। वह जैसे ही दरवाजे के पास अखबार देने के लिए पहुंचा, देखा सामने ही मोहन जायसवाल फंदे से लटका हुआ है। उसने तत्काल इसकी जानकारी घर पर दी। जानकारी मिलते ही परिजन घर से बाहर निकले और आनन-फानन में मोहन जायसवाल को फंदे से निकाल कर टाटा मुख्य अस्पताल ले गए। टीएमएच में चिकित्सकों ने जांच में उसे मृत पाया।

स्टेशनरी की है दुकान

उसका घर के पास ही स्टेशनरी की दुकान है। दुकान में मोहन जायसवाल के साथ उनकी पत्नी भी बैठती थी। परिजनों ने बताया कि रविवार की रात को खाना खाने के बाद मोहन जायसवाल अपने 15 वर्षीय एकलौते पुत्र के साथ देर रात 12 बजे तक वीडियो गेम खेलता रहा। इसके बाद वह सो गया। परिजनों के मुताबिक मोहन सुबह में मॉर्निग वाक पर जाने के लिए सवा चार बजे घर से निकला। इसके बाद वह दुकान के पास जाकर लोहे की कुंडी में रस्सी के सहारे फांसी पर झूल गया।

कर्ज के कारण दी जान

परिजनों ने बताया कि मोहन जायसवाल कर्ज में डूबा हुआ था। जिसके कारण वह परेशान रहता था। यही नहीं दुकान का बकाया भी हो गया था। यही कारण है कि मोहन जायसवाल ने कुछ दिनों तक मुख्यमंत्री रघुवर दास के विधायक प्रतिनिधि पवन अग्रवाल द्वारा संचालित एंबुलेंस में ड्राइवर का भी काम किया था। उस दौरान उनकी पत्‍‌नी दुकान पर बैठती थी।