- बाल रोग विभाग विदेशी डॉक्टर्स के साथ मिलकर करेगा रिसर्च

- सेमिनार के साथ ही होंगे नवजात शिशु संबंधित विभिन्न प्रोग्राम

- देश-विदेश के डॉक्टर्स लेंगे इस रिसर्च में प्रतिभाग

Meerut : अमेरिका के डॉक्टर्स के साथ मिलकर अब मेडिकल नवजात शिशु पर एक बड़ी रिसर्च करने जा रहा है। नवंबर माह में ही इस रिसर्च को शुरू करने की तैयारी है। मेडिकल कॉलेज का बाल रोग विभाग अमेरिकी वैज्ञानिकों के साथ बाल रोग पर एक सेमिनार करेगा, जिसमें देश विदेश के जाने माने बाल रोग विशेषज्ञ शामिल होंगे। प्रदेश में पहली बार इस तरह का सेमिनार होगा।

नवंबर में होगा सेमिनार

नवजात शिशु पर रिसर्च करने के लिए मेडिकल में सेमिनार भी शुरू होगा। एक नवंबर को होने वाले इस सेमिनार में वेंटिलेशन फिजियोलॉजी, मॉडस ऑफ वेंटिलेशन, चेस्ट एक्स रे, हाई फ्रिक्वेंसी वेंटिलेशन, न्यूरो डेवलपमेंट, न्यूरोलॉजिकल एग्जामिनेश, टूल्स, स्क्रीनिंग एंड अर्ली इंटरवेशन, सेंट्रल अल्ट्रासोनोलॉजी, डब्ल्यूएचओ प्रोड्क्ट, फाइनल ट्रिटमेंट ऑफ सिक न्यू बोर्न बेबी, प्वाइंट ऑफ केयर ऑफ न्यू बोर्न बेबी इलनेस इन लेवल फ‌र्स्ट एंड सेकेंड, बे्रस्ट फीडिंग, प्रोग्राम फॉर डॉक्टर्स बेसिक ऑफ न्यू बोर्न बेबी, बेसिक न्यू बोर्न केयर एंड इक्यूवमेंट। ऑक्सीजन थेरेपी आदि टॉपिक पर डिस्कस किया जाएगा।

पचास के आसपास होंगे प्रोग्राम

बाल विभाग के डॉक्टर्स व अन्य देशी-विदेशी डॉक्टर्स द्वारा नवजात शिशु संबंधित रिसर्च पर पचास के आसपास प्रोग्राम किए जाएंगे। ये सेमिनार व प्रोग्राम मेडिकल में ही किए जाएंगे। इनमें नवजात शिशुओं संबंधित हर तरह की जानकारी के साथ ही कुछ नए आइडिया भी बटोरने का प्रयास किया जाएगा। इन प्रोग्राम के जरिए शिशुओं संबंधित हर तरह की समस्याओं व बड़ी बीमारियों के बारे में भी जानकारी बटोरी जाएगी।

चार सौ से अधिक होंगे डॉक्टर्स

रिसर्च में चार सौ से भी अधिक डॉक्टर्स शामिल होंगे। इनमें गुजरात, दिल्ली, कर्नाटक, हिमाचल, मेरठ, कलकत्ता, केरल, बरेली, बनारस, इलाहबाद आदि से दो सौ से अधिक डॉक्टर्स शामिल होंगे। इन प्रोग्राम में न केवल देश के डॉक्टर्स होंगे, बल्कि अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया आदि देशों से भी दो सौ से अधिक डॉक्टरों की टीम शामिल होगी। ये डॉक्टर्स पहले सेमिनार के जरिए अपनी बातों व आइडिया का आदान प्रदान करेंगे। साथ ही वह नवजात शिशु संबंधित रिसर्च भी करेंगे।

ये सेमिनार एक नवम्बर को सुबह आठ बजे से ही शुरू हो जाएगा। ये एक नेशनल लेवल की रिसर्च होगी, जिसमें चार सौ से अधिक देशी व विदेशी डॉक्टर्स शामिल होंगे।

- डॉ। अमित उपाध्याय, एचओडी, बच्चा वार्ड