- गाजीपुर के बाद अमेठी में चुनाव बाद हिंसा की चिंगारी

- स्मृति ईरानी पहुंची अमेठी, प्रधान की अर्थी को दिया कंधा

- डीजीपी को 12 घंटे में हत्यारों को दबोचने का अल्टीमेटम

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LUCKNOW : सूबे में चुनाव बाद हिंसा की चपेट में गाजीपुर के बाद अमेठी जनपद भी आ गया है. केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के संसदीय क्षेत्र अमेठी में उनके करीबी पूर्व ग्राम प्रधान एवं भाजपा नेता सुरेंद्र प्रताप सिंह की शनिवार देर रात चुनावी रंजिश में सोते वक्त गोली मारकर हत्या कर दी गयी. इस हत्याकांड की गूंज दिल्ली तक हुई जिसके बाद आनन-फानन में स्मृति ईरानी ने अमेठी आकर मृतक ग्राम प्रधान को श्रद्धांजलि अर्पित करने के साथ अर्थी को कंधा भी दिया. वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना का संज्ञान लेते हुए डीजीपी ओपी सिंह को 12 घंटे के भीतर हत्यारों को पकड़ने का अल्टीमेटम दिया है. डीजीपी ने मामले की जांच के लिए आईजी रेंज लखनऊ एसके भगत को अमेठी भेजा है और पूरे मामले की पल-पल की मॉनीटरिंग कर रहे हैं. डीजीपी के निर्देश पर एसएसपी एसटीएफ अभिषेक सिंह भी अमेठी रवाना हो गये हैं.

स्मृति के प्रचार की संभाली थी जिम्मेदारी

भाजपा नेता व बरौलिया गांव के पूर्व प्रधान सुरेंद्र सिंह ने हाल ही में अमेठी से चुनाव लड़ने वाली केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के पक्ष में जमकर प्रचार किया था. परिजनों के मुताबिक शनिवार देर रात एक वैवाहिक समारोह से वापस लौटने के बाद वे अपने दोनों बेटों के साथ घर के बरामदे में सो रहे थे तभी गांव के बीडीसी समेत कुछ लोगों ने उनके सिर में गोली मार दी. आनन-फानन में उनको रायबरेली जिला अस्पताल से लखनऊ के ट्रॉमा सेंटर लाया गया जहां इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया. उनके बेटे अभय ने राजनीतिक साजिश के तहत हत्या किए जाने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस नेताओं की भूमिका पर शक जताया है. मामले की गंभीरता को भांपते हुए सुरेंद्र सिंह के शव का राजधानी में ही तीन डॉक्टरों के पैनल से पोस्टमार्टम कराने के बाद वापस अमेठी भेज दिया गया. वहीं अपने समर्थक ग्राम प्रधान की हत्या की खबर मिलते ही स्मृति ईरानी ने भी दिल्ली से लखनऊ आकर अमेठी का रुख किया. पूर्व ग्राम प्रधान के शव को नमन करने के दौरान वे भावुक भी हो गयीं. उनके साथ योगी सरकार में मंत्री मोहसिन रजा भी मौजूद थे. वहीं इस घटना के बाद पसरे तनाव को देखते हुए डीजीपी मुख्यालय ने अमेठी में तीन कंपनी पीएसी तैनात की है.

सांसदी के चुनाव में बीडीसी से विवाद

घटना के बाद सुरेंद्र सिंह के भाई नरेंद्र बहादुर सिंह ने पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई है जिसमें पांच लोगों को नामजद किया है. एफआईआर में उन्होंने कहा कि शनिवार रात करीब 11.30 बजे घर के बरामदे में मेरा छोटा भाई सुरेंद्र सिंह और भतीजे अभय व अनुराग सो रहे थे. अचानक फायर की आवाज सुनकर वे जागे तो देखा कि बरौलिया निवासी वसीम, उसका भाई नसीम व फुरसतगंज निवासी गोलू सिंह गोली मारकर भाग रहे हैं. सड़क पर बीडीसी रामचंदर भी खड़े थे. इसमें प्रधानी चुनाव की पुरानी रंजिश की वजह से धर्मनाथ गुप्ता की भी संलिप्तता है. राम चंदर से मेरे भाई का सांसदी के चुनाव को लेकर भी विवाद हुआ था जिसकी वजह से यह घटना अंजाम दी गयी है.

बॉक्स

दो दिन पहले हुई थी जिपं सदस्य की हत्या

ध्यान रहे कि चुनाव बाद हिंसा का का पहला मामला दो दिन पहले गाजीपुर जनपद में सामने आया था जहां जिला पंचायत सदस्य पप्पू यादव की अज्ञात बदमाशों ने हत्या कर दी थी. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस मामले पर गहरी नाराजगी जताने के साथ दोषियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की है. वहीं चुनाव के दौरान रायबरेली में भी जिला पंचायत सदस्यों के अपहरण का मामला भी सामने आया था. इसके बाद रायबरेली से भाजपा प्रत्याशी दिनेश प्रताप सिंह के समर्थक की हत्या ने रायबरेली का माहौल भी गर्मा दिया था. इस घटना के बाद सत्ता पक्ष और कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला शुरू हो गया था.

कोट

पूरे मामले की दो पहलुओं पर गहराई से छानबीन की जा रही है. पुलिस को कुछ पुख्ता सुबूत भी हाथ लगे हैं. सात लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ भी की जा रही है. हमें भरोसा है कि इस हत्याकांड को अंजाम देने वाले अपराधियों को 12 घंटे के भीतर दबोच लिया जाएगा. ऐहतियात के तौर पर अमेठी में तीन कंपनी पीएसी तैनात की गयी है. फिलहाल वहां कानून-व्यवस्था की स्थिति सामान्य है.

ओपी सिंह

डीजीपी