नई दिल्ली (एएनआई)। किसानों के 'दिल्ली चलो' विरोध मार्च के मद्देनजर शुक्रवार को सिंघू बॉर्डर (हरियाणा-दिल्ली बॉर्डर) पर सुरक्षाकर्मियों की भारी मौजूदगी देखी गई। पानीपत में रात रुकने के बाद, प्रदर्शनकारी किसान अगली सुबह मार्च फिर से शुरू कर दिया। कृषि कानूनों के विरोध में किसान पानीपत से दिल्ली की ओर बढ़ रहे हैं। ऐसे में सुरक्षा कर्मियों की तैनाती के अलावा, आक्रोशित प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए बैरिकेडिंग लगाई गई है। इससे पहले आज, राष्ट्रीय राजमार्ग पर पानीपत टोल प्लाजा के पास कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की ओर जाने वाले किसान माैजूद रहे।हरियाणा में कुछ स्थानों पर बैरिकेडिंग तोड़ने वाले किसानों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने वाटर कैनन और आंसू गैस का इस्तेमाल किया। पानीपत में रात रुकने के बाद, प्रदर्शनकारी किसान अगली सुबह मार्च फिर से शुरू कर दिया।


हम किसी भी हालत में​ दिल्ली पहुंचें
एक किसान अमनदीप ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा मुख्य मांग यह है कि उन्हें हमारी बात सुननी चाहिए। वे कृषि कानून लाए हैं और फिर भी, वे हमारी सुनवाई नहीं कर रहे हैं। एक प्रदर्शनकारी किसान ने बताया, हम किसी भी हालत में​ दिल्ली पहुंचेंगे। हम 6 महीने का राशन लेकर आए हैं। हम शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे हैं। गुरुद्वारे हमें खाद्य आपूर्ति भी भेज रहे हैं।


आंसू गैस के गोलों से रोकने की कोशिश
वहीं एक अन्य किसान रॉबिनदीप सिंह ने कहा हमने अपना विरोध प्रदर्शन करने के लिए खाद्य आपूर्ति की व्यवस्था की है। हमने ठंड का सामना करने के लिए गर्म कपड़ों की भी व्यवस्था की है। हम यहां रात में रुकने वाले हैं। एक प्रदर्शनकारी किसान ने बताया, पुलिस ने हमें पानी की बौछारें और आंसू गैस के गोलों से रोकने की बहुत कोशिश की लेकिन हमने इसकी परवाह नहीं की।


हाल ही में दो विधेयक पारित किए गए
कृषि क्षेत्र के उत्थान और किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से हाल ही में दो विधेयक पारित किए गए थे। इसमें कृषि उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन एवं सरलीकरण) विधेयक, 2020 और कृषक (सशक्तिकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक, 2020 शामिल थे। राष्ट्रपति ने भी इस पर मुहर लगा दी थी। किसानों इन कानूनों को लेकर नाराज हैं।

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