- मेडिकल कॉलेज की लोकल कमेटी ने माना था दोषी

- नई कमेटी की जांच शुरू होने से पहले ही दर्ज हुआ मुकदमा

Meerut : पलक प्रकरण में डॉ। अमित उपाध्याय की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही है। मेडिकल कॉलेज की लोकल कमेटी ने तो उन्हें दोषी मान ही चुकी है। लेकिन नई कमेटी की जांच शुरू होने से पहले ही उनके खिलाफ मंगलवार को दो धाराओं में एफआईआर दर्ज कर ली गई। हालांकि पुलिस अभी जांच में स्टे की बात कहकर मामले से पल्ला झाड़ रही है।

ये था मामला

जुलाई 2015 में हापुड़ निवासी नजराना ने अपनी न्यू बोर्न बच्ची पलक को मेडिकल के बच्चा वार्ड में उपचार के लिए भर्ती किया था। उपचार के दौरान बच्ची की आंख चली गई थी। जिस पर बच्ची की मां व अन्य परिजनों ने संबंधित डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाकर हंगामा किया था। लेकिन एक माह बाद बच्ची को डिस्चार्ज कर घर भेज दिया गया था। लेकिन बच्ची की मां चुप नहीं बैठी। उसने मानव अधिकार आयोग, महिला आयोग, व एमसीआई में संबंधित डॉक्टर के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी।

हरकत में आया था प्रशासन

एमसीआई के लेटर के बाद कॉलेज प्रशासन ने सीएमएस डॉ। सुभाष सिंह की अगवानी में जांच कमेटी गठित की थी। जिसमें डॉ। संदीप मित्तल, डॉ। आभा शामिल थीं। एक माह पहले तमाम पहलुओं पर जांच के बाद डॉ। अमित उपाध्याय को दोषी पाया गया था।

शासन में की थी अपील

इसके बाद डॉ। अमित उपाध्याय ने शासन में मामले की दोबारा जांच की मांग की थी। जिसमें आगरा मेडिकल कॉलेज के वरिष्ठ डॉक्टर राजेश्वर दयाल, सहित नोएडा व केजीएमयू के वरिष्ट डॉक्टरों को शामिल किया गया था। लेकिन अभी उच्च कमेटी की जांच भी शुरू नहीं हुई थी कि डॉ। अमित उपाध्याय के खिलाफ आईपीसी धारा 326 और 336 में मुकदमा दर्ज कर लिया गया।