नई दिल्ली, (आईएएनएस)। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर नागरिकता (संशोधन) अधिनियम में लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को बताया कि इस अधिनियम में नहीं है ऐसा प्रावधान जिसके माध्यम से भारतीय अल्पसंख्यक अपनी नागरिकता खो देंगे।

कैसी सरकार चाहती है दिल्ली

शुक्रवार को पाकिस्तान में सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव के जन्म स्थान ननकाना साहिब के पवित्र गुरुद्वारे में हुए हमले का जिक्र करते हुए शाह ने कहा कि यह संशोधित नागरिकता अधिनियम जिसे सीएए के रूप में जाना जाता है, का विरोध करने वालों के लिए जवाब है। शाह ने कहा कि वे दिल्ली के लोगों से पूछना चाहते हैं कि क्या वे ऐसी सरकार चुनना चाहते हैं जो राजनीति के लिए दिल्ली में दंगे भड़काए। उन्होने सवाल किया कि सीएए में क्या गलत है? क्या पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से अल्पसंख्यक आप्रवासियों को नागरिकता नहीं दी जानी चाहिए? कांग्रेस पर हमला करते हुए, शाह ने कहा कि यह महात्मा गांधी का वादा था जिसे पार्टी ने 70 वर्षों में पूरा नहीं किया और अंत में यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ये जिम्मेदारी ली। उन्होंने केजरीवाल पर आरोप लगाया कि वे सीएए पर लोगों को गुमराह करते हैं।

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दंगे भड़काए

होम मिनिस्टर ने कहा कि राहुल बाबा और प्रियंका वाड्रा ने सीएए पर लोगों को गुमराह करके दंगे भड़काने में खास भूमिका निभाई। वे इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे। शाह ने कहा कि ये लोग देश के लोगों को भड़का रहे हैं कि वे अपनी नागरिकता खो देंगे। वे अल्पसंख्यक समुदाय के भाइयों और बहनों को बताना चाहते हैं कि कोई भी भारतीय अल्पसंख्यक नागरिक अपनी नागरिकता नहीं खोएगा क्योंकि सीएए में नागरिकता वापस पाने का कोई प्रावधान नहीं है।

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मोदी के खिलाफ सबसे बड़ा मूवमेंट

शाह के मुताबिक कांग्रेस और आप ने झूठ बोला है कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के खिलाफ कोई अत्याचार नहीं होता है। उन्होने केजरीवाल, राहुल और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से आंखें खोलकर देखने के लिए कहा कि सिख समुदाय ननकाना साहिब पर हुए हमलों से कैसे आतंकित नजर आ रहा था। 2014 में सत्ता में आने के बाद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ सबसे मजबूत असंतोष आंदोलन कहे जा रहे इस मामले में11 दिसंबर को संसद में कानून पारित करने के बाद से 2,000 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है और लगभग 5,000 को डिटेन किया गया है, साथ ही सैकड़ों सुरक्षाकर्मी भी घायल हुए हैं।

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क्या है ये कानून

सीएए का उद्देश्य छह समुदायों, हिंदु, सिख, ईसाइय, जैन, बौद्ध और पारसी के सदस्यों को बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तानसे र 31 दिसंबर 2014 को या उससे पहले भारत में शरण पाने के लिए नागरिकता प्रदान करना है। शाह ने बड़े पैमाने पर भीड़ को सीएए सहायता हेल्पलाइन नंबर को नोट करने के लिए कहते हुए मजाक किया कि यह "नेटफ्लिक्स नंबर" नहीं है।

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