बिटक्वाइन ने अमिताभ के निवेश को ढाई साल में कर दिया 68 गुना
एक हिंदी वेबसाइट की रिपोर्ट के मुताबिक, दरअसल बच्चन परिवार ने ढाई साल पहले एक कंपनी के स्टॉक खरीदे थे। इसकी कीमत तब 1.6 करोड़ रुपये थी जो क्रिप्टो करेंसी का इस्तेमाल करते हुए माइक्रोफाइनेंस उपलब्ध कराती थी। उसके इस क्रिप्टो करेंसी के कारोबार में बिटक्वाइन भी शामिल था। इधर दुनियाभर में बिटक्वाइन की दीवानगी लगातार बढ़ रही है। ऐसे में कंपनी के शेयर में जबरदस्त उछाल दर्ज किया गया। इसी वजह से बच्चन परिवार का निवेश भी ढाई साल में 1.6 करोड़ से बढ़कर 110 करोड़ हो गया।
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गूगल का इंजीनियर नहीं बेच पा रहा अपने बिटक्वाइन
अब आप बच्चन परिवार के निवेश को देखकर बिटक्वाइन खरीदने जा रहे हैं तो सबसे पहले यह जान लें कि बच्चन परिवार ने सीधे बिटक्वाइन नहीं खरीदा है बल्कि उन्होंने बिटक्वाइन जैसी क्रिप्टो करेंसी का कारोबार करने वाली कंपनी के शेयर खरीदे हैं। दूसरी बात यह है कि बिटक्वाइन खरीदना तो आसान है लेकिन इसे बेचना बहुत मुश्किल दूसरे शब्दों में कहें तो आम आदमी के लिए लगभग नामुमकिन। अब आप गूगल के एक इंजीनियर की एक ट्वीट पढ़ें और जानें बिटक्वाइन को बेचकर मुनाफा नहीं कमा पाने का दर्द। उन्होंने टवीट करके लिखा है कि वह अपने कुछ बिटक्वाइन बेचने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन प्रक्रिया बेहद जटिल है। उन्होंने अपनी ट्वीट में आगे यह भी लिखा है कि इस बिटक्वाइन का न तो आप इस्तेमाल कर सकते हैं और न ही इसे किसी दूसरे करेंसी में बदल सकते हैं।
आखिर कैसे डॉलर को चुनौती दे रही है वर्चुअल करेंसी बिटक्वाइन?बिटक्वाइन ट्रांजेक्शन में माइनर्स की सहमति जरूरी
बिटक्वाइन के हर ट्रांजेक्शन पर 6 माइनर्स की सहमति जरूरी है। दुनिया भर में बिटक्वाइन के माइनर्स की संख्या बहुत ज्यादा सीमित है। यदि 10 लोग बिटक्वाइन बेचना चाहते हैं तो जो सबसे ज्यादा फीस देगा माइनर्स सबसे पहले उसका ट्रांजेक्शन कन्फर्म करेंगे। एक की सहमति आ भी जाए तो बाकी 5 के लिए आपको वेट करना पड़ेगा।
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बढ़ रही है ट्रांजेक्शन फीस, हर तीन महीने में हो रही दोगुनी
जैसे-जैसे ट्रांजेक्शन बढ़ रहा है वैसे-वैसे ट्रांजेक्शन फीस भी बढ़ रही है। माइनर्स के पास सिर्फ कन्फर्मेशन का काम भी बढ़ रहा है। कई बार वे ज्यादा ट्रांजेक्शन फीस के चक्कर में जानबूझकर कन्फर्मेशन में देरी करते हैं। जिस रफ्तार से बिटक्वाइन की ट्रांजेक्शन फीस बढ़ रही है उसे देखते हुए ऐसा लग रहा है कि एक समय ऐसा आएगा जब बिटक्वाइन की कीमत से ज्यादा उसकी ट्रांजेक्शन फीस हो जाएगी। वैसे ज्यादातर टाइम ट्रांजेक्शन बढ़ने के साथ बैंडविथ का कंजेशन की वजह से भी ट्रांजेक्शन कन्फर्मेशन में देरी होती है।
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40 परसेंट बिटक्वाइन सिर्फ 1000 लोगों के पास
दुनियाभर में बिटक्वाइन का 40 प्रतिशत सिर्फ 1000 लोगों के पास है। जरा सी निगेटिव खबर से इस क्रिप्टोकरेंसी में लोगों के करोड़ों-अरबों डूब सकते हैं। दरअसल ये 1000 लोग जब चाहें मार्केट में खलबली मचाने और मुनाफा कमाने के लिए कभी भी यह गेम खेल सकते हैं।
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चुटकी में पिट सकता है दीवाला
2000 से 2008 के बीच शेयर बाजार में दुनिया भर के लोगों के अरबों स्वाहा हो गए थे। यह तब था जब शेयर मार्केट पूरी तरह नियामक और कानून के शिकंजे में कारोबार करता था। इसके बावजूद लोगों का दीवाला पिटा। अब इस क्रिप्टो करेंसी बिटक्वाइन जिसकी दुनियाभर में किसी भी सरकार या बैंक से मान्यता नहीं है उसमें निवेश करना कितना खतरनाक होगा यह अंदाजा आप खुद लगा सकते हैं।
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