पं राजीव शर्मा (ज्योतिषाचार्य)। Anant Chaturdashi 2021: स्कन्द, ब्रह्म एवं भविष्यादि पुराणों के अनुसार यह व्रत भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को किया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा एवं कथा होती है। इसमें उदय व्यापिनी तिथि ग्रहण की जाती है। पूर्णिमा का सहयोग होने से इसका बल बढ़ जाता है। यदि मध्यान्ह काल तक चतुर्दशी हो तो ज्यादा अच्छा होता है।इस दिन 19 सितम्बर 2021,रविवार को सूर्योदय से रात्रि तक चतुर्दशी तिथि रहेगी तदोपरांत पूर्णिमा लग जायेगी जोकि 20 सितम्बर 2021 तक रहेगी। इस दिन पंचक भी है पंचक किसी भी फल को 5 गुणा अधिक देने में सहायक होती है इस दिन धनिष्ठा नक्षत्र पूरे दिन रहेगा।अत: इस योग में पूजा पाठ का पांच गुणा अधिक फल प्राप्त होगा इस विशिष्ट योग में अनंत चतुर्दशी व्रत के साथ विष्णुजी की पूजा का कई गुना फल प्राप्त होगा। इस व्रत के नाम से लक्षित होता है कि यह दिन अन्त न होने वाले सृष्टि के कर्ता, निर्गुण ब्रह्म की भक्ति का दिन है। यह व्रत पुरूषों द्वारा किया जाता है, व्रत की पूजा दोपहर में की जाती है।

कैसे करें पूजा

इस दिन व्रती को कलश की स्थापना करके, उस पर अष्टदल कमल के समान बर्तन में कुश से निर्मित अनंत की स्थापना की जाती है, इसके पास कुमकुम, केसर अथवा हल्दी से रंगे कच्चे डोरे को रखकर उसकी गन्ध, अक्षत, पुष्प, धूप, दीप, नैवेध से पूजन करें। तत्पश्चात् अनंत भगवान का ध्यान कर शुद्ध अनंत को अपनी दाहिनी भुजा पर बांधना चाहिए। यह धागा अनंत फल देने वाला होता है, अनंत की 14 गांठे, 14 लोकों की प्रतीक हैैं, उनमें अनंत भगवान विद्यवान हैं। यह व्रत धन, पुत्रादि की कामना से विशेष किया जाता है। यह दिन उस अन्त न होने वाले सृष्टि के कर्ता भगवान विष्णु की भक्ति का दिन है। निम्नलिखित मंत्र पढ़ कर पूजा करनी चाहिए, ये विष्णु कृपा रूप है और शेषनाग काल में विद्यमान हैं। अत: दोनों की सम्मिलित पूजा हो जाती है।

मंत्र

अनंत सर्व नागानामधिप: सर्वकामद:

सदा भूयात् प्रसन्नोमे यक्तानाम भयंकर:।।

Anant Chaturdashi 2021: 19 सितंबर को है अनंत चतुर्दशी, जानें 14 गांठ वाले अनंत सूत्र का महत्व और पूजन विधि