गम और गुस्सा, जुलूस निकालने के साथ श्रद्धांजलि सभा

आगरा। हैदराबाद की डॉक्टर बिटिया के साथ सामूहिक दुष्कर्म के बाद हत्या से आंखें नम हैं। गुस्से का ज्वार फूट रहा है। सोमवार को शहीद स्मारक से हरीपर्वत तक मानव श्रृंखला बनाई गई। द¨रदों को फांसी देने की मांग की गई। संगठनों और राजनैतिक दलों ने जुलूस निकालने के साथ श्रद्धांजलि दी।

सांस्कृतिक, सामाजिक व महिला संगठनों द्वारा निकाली गई रैली में सभी ने विरोध स्वरूप संदेश लिखी तख्तियां भी दिखाईं। मानव श्रंखला शहीद स्मारक से रैली के रूप में निकली। हरीपर्वत चौराहे होते हुए वापस शहीद स्मारक पहुंची। जिस समाज में हमारी सुरक्षा के बारे में कोई सोच ही नहीं रहा है, उस समाज में बच्चियों को जन्म ही नहीं लेना चाहिए। कुछ इसी तरह के विचारों के साथ सोमवार को ताजनगरी के सांस्कृतिक, सामाजिक और महिला संगठनों ने मानव श्रंखला बना डॉक्टर बिटिया के साथ हुई घटना पर अपना विरोध दर्ज किया। अपने हाथों में विरोध स्वरूप संदेश लिखी हुई तख्तियां पकड़े यह बच्चियां अपनी सुरक्षा की मांग राष्ट्रपति से कर रही थीं। राष्ट्रपति के नाम लिखे गए ज्ञापन में सभी ने मांग की कि इस तरह की घटनाओं को अंजाम देने वालों के खिलाफ जल्द और कठोर निर्णय होने चाहिए।

सामाजिक संगठनों के सदस्यों ने मांग की कि दौर में वे अपनी बच्चियों को लेकर काफी असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। निर्भया केस के बाद जस्टिस वर्मा की कमेटी ने बलात्कार गुनाहगारों के खिलाफ कानूनों को और सख्त किया था। लेकिन इन कानूनों का आज भी सख्ती से पालन नहीं होता है। मांग की गई कि स्कूल से लेकर विश्वविद्यालयों तक जेंडर सेंसिटाइजेशन का कार्यक्रम चलाया जाना चाहिए। लड़कों को समझना होगा कि जिस कोख से नस्ल पैदा होती है, उसी कोख को अगर असुरक्षित नहीं रहने दोगे तो दुनिया ही खत्म हो जाएगी।