दोबारा गवाही के आदेश

अभियोजन पक्ष के आग्रह पर विशेष जज ओपी सैनी ने अनिल अंबानी की दोबारा गवाही कराने का आदेश दिया. दोबारा गवाही कब होगी अभी यह तय नहीं हुआ है. इसके लिए सीबीआइ बाद में समय की मांग करेगी. अनिल अंबानी ने अदालत को बताया कि उनकी पत्नी टीना अंबानी शुक्रवार को गवाही के लिए अदालत में पेश होंगी. अदालत ने गवाही के लिए दो बजे का समय तय किया है. उम्मीद है कि उनसे भी वही सवाल पूछे जाएंगे जो अनिल अंबानी से अभियोजन पक्ष ने पूछे.

सुबह 8.55 बजे पहुंचे पटियाला हाउस कोर्ट

अनिल अंबानी प्रात: 8.55 बजे पटियाला हाउस कोर्ट पहुंच गए. करीब दस बजे गवाही शुरू हुई और उन्होंने अपना बयान दर्ज कराया. अभियोजन पक्ष ने कहा कि जनवरी, 2005 से 2006 के बीच अनिल अंबानी ने ट्रिपल ए कंसल्टेंसी की कई बोर्ड मीटिंग में हिस्सा लिया था जो आरएडीएजी की सहयोगी कंपनी है. अभियोजन पक्ष ने बैठक की रिपोर्ट अदालत में अंबानी को दिखाई, जिस पर उन्होंने कहा कि बैठक में हुई चर्चाओं की रिपोर्ट उन्होंने तैयार नहीं की है. वह अनेक बैठकों में हिस्सा लेते हैं. हर बैठक के बारे में वह याद नहीं रख सकते. इस पर विशेष जज ने कहा कि बैठक की हर बात याद नहीं रखी जा सकती लेकिन उसमें हुई चर्चा के रिकॉर्ड गलत नहीं होने चाहिए. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए अनिल अंबानी ने भी कहा कि रिकॉर्ड सही होना चाहिए.

कंपनियों को नहीं जानता

अभियोजन पक्ष के सवाल पर अनिल अंबानी ने कोर्ट को बताया कि 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले की जांच के दौरान वह सीबीआइ के कार्यालय में हाजिर हुए थे. तब सीबीआइ ने करीब आठ घंटे तक पूछताछ की थी. यह याद नहीं कि सीबीआइ ने बयान दर्ज किया था या नहीं. अभियोजन पक्ष के वकील वीवी ललित ने कोर्ट को बताया कि जेब्रा कंसल्टेंसी, पेरेंट कंसल्टेंसी व टाइगर ट्रेडर्स कंपनी का बैंक खाता आइसीआइसीआइ बैंक में अनिल अंबानी व टीना अंबानी के नाम पर है. अनिल अंबानी ने बैंक के दस्तावेज में अपनी फोटो व हस्ताक्षर की पहचान की. लेकिन अनिल ने कहा कि वह इन कंपनियों को नहीं जानते. सीबीआइ ने उनसे जानना चाहा कि इन कंपनियों के वास्तविक मालिक कौन हैं.

वास्तविक मालिक का पता नहीं

सीबीआइ ने कहा कि कंपनियों के दस्तावेज इस तरह तैयार किए गए हैं कि वास्तविक मालिक का पता ही न चल सके. बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि अनिल अंबानी की कंपनी में रिकॉर्ड की देखरेख के लिए अधिकारी व वकील हैं. हर रोज वह अनेक फाइलों पर हस्ताक्षर करते हैं, अधिकारी ही फाइल लेकर आते हैं. संभवत: फर्जी हस्ताक्षर कराए गए हैं. विदित हो कि 2 जी स्पेक्ट्रम घोटाले में अंबानी की कंपनी रिलायंस एडीएजी के तीन अधिकारी आरोपी बनाए गए हैं.

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