अन्ना हजारे ने बुधवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, "मैं दीदी (ममता बनर्जी) को एक व्यक्ति या पार्टी के रूप में समर्थन नहीं दे रहा हूं, बल्कि समाज और देश के प्रति उनके जो विचार हैं, उसको मेरा समर्थन है."

इससे पहले अन्ना हजारे अपने सहयोगी रहे अरविंद केजरीवाल के राजनीतिक दल आम आदमी पार्टी का समर्थन करने से यह कहते हुए इनकार कर चुके हैं कि वह खुद को राजनीति से अलग रखेंगे.

ताजा घटनाक्रम में अन्ना ने कहा कि, "मैंने अगर पहली बार देश और समाज के बारे में सोचने वाला व्यक्ति देखा तो वह दीदी हैं. इसलिए मैं उन्हें सपोर्ट कर रहा हूं."

सादगी की तारीफ़

उन्होंने कहा, "एक मुख्यमंत्री होने के नाते वह अपना जीवन आलीशान तरीके से बिता सकती थीं, जैसा कि कई मंत्री बिता रहे हैं, लेकिन वह एक छोटे से कमरे में रहती हैं और सादा जीवन बिताती हैं."

इससे पहले अन्ना हजारे अरविंद केजरीवाल के बारे में कह चुके हैं कि उन्हें देश और समाज की चिंता नहीं रही, अब उन्हें सिर्फ सत्ता की चिंता है.

अन्ना ने कहा कि उन्होंने देश के बेहतर भविष्य के लिए सभी पार्टियों से 17 मुद्दों पर समर्थन मांगा था लेकिन उन्हें सिर्फ ममता बनर्जी ने ही समर्थन दिया. हालांकि इनमें कई मुद्दे ऐसे हैं, जिन पर कई राजनीतिक दल सहमत हो गए हैं.

अन्ना के मुद्दे

ममता बनर्जी के हुए अन्ना हजारे

ममता बनर्जी ने अन्ना हजारे के जिन 17 मुद्दों को अपनाने की बात कही है, उनमें से कुछ प्रमुख मुद्दे इस तरह हैं-

-भ्रष्टाचार पर काबू के लिए लोकपाल और लोकायुक्त का गठन तत्काल किया जाएगा.

-सिटिजन चार्टर और विसिल ब्लोवर की सुरक्षा के लिए कानून को लागू किया जाए.

-देश की सुरक्षा को छोड़कर सरकार के सभी फैसलों को दो साल के बाद सार्वजनिक किया जाए.

-गांवों को केंद्र बनाकर देश की सभी योजनाएं बनाई जाए. पार्टियां बड़ी-बड़ी कंपनियों के बजाए गांवों के बारे में सोचें.

-ग्राम सभा को अधिक अधिकार दिए जाएं.

-गांवों को इकाई मानकर कृषि क्षेत्र की योजनाएं बनाई जाएं. कृषि आधारित उद्योगों को प्राथमिकता मिले.

-भूमि अधिग्रहण कानून में किसानों के हित में बदलाव किया जाए. किसानों की जमीन कोई छीन न सके ऐसा कानून बने.

-ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता का लक्ष्य. हर गांव में उसका अपना बिजली घर होगा.

-बुनियादी ढांचे का विकास प्राथमिकता के आधार पर किया जाए.

-देश के सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों और अल्पसंख्यकों के विकास पर खास ध्यान दिया जाए. रंगनाथ मिश्रा आयोग की सिफारिशों को तत्काल लागू किया जाए.

-चुनाव प्रक्रिया में व्यापक सुधार किया जाएगा. राईट टू रिजेक्ट और राईट टू रिकॉल को लाया जाए.

-नदियों और जलाशयों के पानी के निजीकरण पर अविलंब रोक लगाई जाए.

-न्याय व्यवस्था में मौलिक बदलाव लाया जाएगा, ताकि गरीबों को न्याय मिल सके.

-सांप्रदायिकता को जड़ से खत्म करने के लिए कानून बनाया जाएगा.

-शिक्षा को कारोबार बनाने पर रोक लगे.

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